पटना: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने अति पिछड़ा वोट बैंक को बचाने की कोशिश शुरू कर दी है। एनडीए से अलग होने के बाद से बीजेपी की नीतीश के वोटबैंक पर खास नजर है। इसके लिए बीजेपी जेडीयू के अति पिछड़ा नेताओं को भी अपने पाले में करने की कवायद में जुटी है। बीजेपी की इस चोट का पलटवार करने के लिए अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में सीएम नीतीश की पार्टी जेडीयू बड़ा आयोजन करेगी। अति पिछड़ों को साधने के लिए पटना के गांधी मैदान में महारैली होगी। फरवरी 2024 में प्रस्तावित इस रैली में करीब 5 लाख लोगों के जुटने का दावा किया गया है।
पटना के विद्यापति भवन में शुक्रवार को धानुक और अतिपिछड़ा समाज की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राजीव रंजन ने बीजेपी के अतिपिछड़ा विरोधी कार्यों को गिनाते हुए फरवरी में रैली आयोजित करने की बात कही। इसका समर्थन वहां मौजूद सभी लोगों ने हाथ उठाकर किया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हर कदम पर अति पिछड़ों को छला है। फरवरी में होने वाला यह सम्मेलन बीजेपी के अंत की शुरुआत होगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए पूर्व मंत्री दामोदर रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अतिपिछड़ा समाज के सबसे बड़े हितैषी हैं। इतने वर्षों के कार्यकाल में इस सरकार ने समाज के हर तबके को केंद्रित करके काम किया है। इसी का परिणाम है कि बिहार की मौजूदा विकास दर 10.98 प्रतिशत है। जेडीयू विधायक भारत भूषण मंडल ने कहा कि मोदी सरकार ने आम जनता से अच्छे दिन का वादा किया था, लेकिन गिरती अर्थव्यवस्था के कारण लोगों के बुरे दिन आ गए। बैठक में बिहार धानुक महासंघ के अध्यक्ष शंकर कुमार, नवादा के रवि राय समेत अन्य मौजूद रहे।
Be First to Comment