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कहां हुआ था हनुमान जी का जन्म? कर्नाटक और महाराष्ट्र में विवाद, इन 8 जगहों का दावा

हनुमान जी की जयंती पूरा देश मना रहा है लेकिन उनके जन्म स्थान से जुड़ा वि’वाद अब तक नहीं सुलझ पाया है। हनुमान जी के जन्म को लेकर कई राज्यों में घमासान मचा है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश दोनों ही दावा करते हैं कि हनुमान जी का जन्म स्थान उनके दायरे में है। आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम में हनुमान जी के जन्म का दावा किया जाता है तो वहीं कर्नाटक के किष्किंधा में उनका जन्म कहा जाता है। यहां श्री आंजनेय जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट बना हुआ है।

भगवान हनुमान के 10 खास मंदिर, जहां है भक्तों की सबसे अधिक आस्था | Lord  Hanuman10 special temples of Lord Hanuman, where devotees have the most  faith - Dainik Bhaskar

इसके अलावा महाराष्ट्र का दावा है कि नासिक से 26 किलोमीटर दूर त्रयंबक रोड पर अंजनेरी गांव में हनुमान जी का जन्म हुआ था और उनकी माता अंजना के नाम पर ही इस गांव का भी नाम पड़ा। यहां गांव के पास ही एक पर्वत है जिसपर हनुमान जी का मंदिर है। दावा है कि यहां अंजना माता का निवास था। यहीं एक गुफा में हनुमान जी का जन्म हआ था।

क्या है मान्यता
यहां के लगों की मान्यता है कि रामायण में जिस किष्किंधा नगरी का जिक्र किया गया है वह नासिक के पास ही है। यहां के राजा पहले बालि हुआ करते थे। बालि की मौत के बाद सुग्री राजा हो गए थे। कहा जाता है कि किष्किंधा नगरी में ही हनुमान जी का जन्म हुआ था और वह सुग्रीव जी के सहयोगी थे। यह भी कहा जाता है कि जिस ऋष्यमूक पर्वत की बात की जाती है वह यही है। यहीं हनुमान जी ने श्रीराम की मुलाकात सुग्रीव से करवाई थी। यहां पर्वत पर स्थित मंदिर में अंजनी माता की मूर्ति है। पहाड़ी के रास्ते में ही एक तालाब है जो कि दाहिने पैर के  आकार का है। कहा जाता है कि हनुमान जी ने इसी जगह से सूर्य को निगलने के लिए छलांग लगाई थी।

क्या है कर्नाटक का दावा
कर्नाटक का दावा है कि हंपी से 25 किमी की दूरी पर अनेगुंडी गांव ही प्रचीन किष्किंधा नगरी है। तिरुमाला की सात पहाड़ियों में से एक पर हनुमान जी का जन्म हुआ था। यहां एक पहाड़ी का नाम आंजनेय रख दिया गया है। हनुमान जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्र्स्ट के गोविंदानंद सरस्वती ने आंध्र प्रदेश में हनुमान जन्मस्थान के निर्माण को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि कोर्ट ने निर्माण पर रोक लगा दी।

बहुत सारे संतों का कहना है कि गोविंदानंद का दावा गलत है। अंजनेरी गांव के लोगों ने भी उनके दावे के खिलाफ प्रदर्शन किया था। वैसे केवल इन तीन राज्यों में ही हनुमान जी के जन्म का दावा नहीं किया जाता है बल्कि भारत में ऐसी और भी कई जगहें हैं, जहां के बारे में कहा जाता है वहीं हनुमान जी का जन्म हुआ था। इनमें झारखंड का गुमला, हरियाणा का कैथल, गुजरात का डांग, राजस्थान का सुजानगढ़ और उत्तराखंड का देहरादून भी शामिल है।

 

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