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….तो क्या Lockdown के बाद दो तिहाई छोटे दुकानदार हो जाएंगे तबाह ?

कोरोना संकट (Corona Crisis) के समय सामाजिक दूरी (Social Distancing) का पालन करने का तरीका आने वाले दिनों में लोगों के खरीददारी की आदत (Shopping Habit) को भी बदल सकती है. आईटी कंपनी केपजेमिनी की रिपोर्ट की मानें तो आने वाले कुछ महीनों में तकरीबन 64 प्रतिशत भारतीय उपभोक्ता ऑनलाइन खरीददारी करने लगेंगे. इस समय यह आंकड़ा 46 फीसदी है. केपजेमिनी की यह रिपोर्ट फिलहाल तो सही साबित हो रही है, क्योंकि दो दिन पहले ही एमएचए की गाइडलाइन जारी होने के बाद भी देश के कुछ हिस्सों की दुकानें तो खुल गईं हैं, लेकिन उन दुकानों पर खरीददारों की संख्या बहुत कम है. ऐसे में छोटे-बड़े सभी शहरों के गली-महोल्ले के दुकानदारों को इस बात का डर सता रहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियां आने वाले दिनों में उनका खेल बिगाड़ सकती है.

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों से कैसे करेंगे मुकाबला
इसी को ध्यान में रख कर वाणिज्य मंत्रालय के सहमति से कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने एक प्लान तैयार किया है, जिसके तहत देश के रजिस्टर्ड 7 करोड़ खुदरा कारोबारियों को एक पोर्टल से जोड़ कर ई-कॉमर्स कंपनियों से मुकाबला किया जाए.

वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DPIIT) और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की योजना है कि देशभर के करीब 7 करोड़ खुदरा कारोबारियों को एक पोर्टल से जोड़ कर उनके हित को नुकसान होने से बचाएं. केंद्र सरकार की कोशिश है कि डीपीआईआईटी और स्टार्टअप से सहयोग से एक पोर्टल शुरू किया जाए, जिसमें स्थानीय किराना स्टोर ऑनलाइन ऑर्डर लेकर ग्राहकों को सामान की डिलीवरी करे.

क्या करेंगे भारतीय कारोबारी
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘पिछले दिनों ही सरकार से हमलोगों ने ये मांग की थी कि गली-मोहल्लों के किराना दुकानदारों की हित की रक्षा की जाए. ई-कॉमर्स कंपनियों से मुकाबला करने के लिए हमलोगों ने एक पोर्टल शुरू करने का फैसला लिया है, जो इस सप्ताह तक लॉन्च हो जाएगा. यह पॉर्टल व्यापारियों का, व्यापारियों के द्वारा, व्यापारियों और उपभोक्ताओं के लिए होगा. विशुद्ध रुप से यह भारतीय पोर्टल होगा. इस पोर्टल में निर्माता से लेकर उपभोक्ता के डिलीवरी करने तक पूरा मैकेनिज्म होगा. जितने व्यापारी पोर्टल पर होंगे उन सब की वेबसाइट पर अपनी शॉप होगी. किसी भी उपोभोक्ता को कोई माल चाहिए तो वह पोर्टल पर जा कर ऑर्डर कर सकते हैं. जिस व्यापारी को उपभोक्ता सेलेक्ट करेंगे वह व्यापारी या तो सामान उनके घर डिलीवरी करा देगा या फिर उपभोक्ता दुकान पर खुद आ कर सामान ले सकते हैं. इस आइडिया को सरकार ने अपनी सहमति दे दी है.’

एमएचए के आदेश के बाद गली-मोहल्ले में कुछ दुकानें तो खुल रही हैं, लेकिन इन दुकानदारों को अभी भी ग्राहकों का इंतजार है. पूर्वी दिल्ली के शकरपुर इलाके में करीब महीनेभर बाद खुली इन दुकानों में लोगों की भीड तो नहीं नजर आईं, लेकिन दुकानदार दुकानों की सफाई करते हुए जरूर नजर आए. दुकानदारों का कहना है कि दुकानें खुल तो गई हैं लेकिन अभी ग्राहक कम ही पहुंच रहे हैं. इन दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए दुकान के बाहर बोर्ड भी लगाए हैं, इसके बावजूद ग्राहक नहीं आ रहे हैं.

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