कोरोना प्रभावित बिहार के शहरी गरीब परिवारों के खाते में भी नतीश सरकार एक-एक हजार रुपए भेजेगी। नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा निकायों में कराए गए सर्वे में ऐसे शहरी गरीब परिवारों की संख्या लगभग डेढ़ लाख है और इनसे जुड़े लोगों की संख्या तकरीबन छह लाख है। इनलोगों के पास राशनकार्ड नहीं हैं। फिलहाल एक हजार की राशि देने के साथ ही सरकार जल्द ही उन्हें राशनकार्ड भी देगी। इन लोगों की सूची की एंट्री आपदा विभाग के पोर्टल पर की जा रही है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर शहरी गरीबों की गिनती का काम सरकार ने नगर विकास एवं आवास विभाग को सौंपा था। राज्यभर के शहरी निकायों को दो दिन में इनकी गिनती का आदेश विभाग ने दिया था। इसमें शहरी आजीविका मिशन की टीम लगाई गई थी। इसमें प्राथमिकता के आधार पर निकायों में गठित स्वयं सहायता समूहों में शामिल महिलाओं, स्लम एरिया में रहने वाले लोगों के अलावा कुली, सफाईकर्मी, फुटपाथी दुकानदार, गार्ड, आश्रयहीन परिवार, भिखारी आदि को शामिल करने के निर्देश दिए गए थे। इनके पारिवारिक ब्योरे व आय के स्रोत के अलावा बैंक खातों का डिटेल भी पूछा गया था।
जल्द राशनकार्ड भी मिलेगा सभी को
राज्य सरकार ने यह सर्वेक्षण राहत राशि भेजने के साथ ही इन सभी परिवारों को जन वितरण प्रणाली से जोड़ने के लिए कराया है। यही कारण है कि सर्वेक्षण को खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग की शहरी और ग्रामीणों को जनवितरण प्रणाली से जोड़ने संबंधी अधिसूचना और सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना में शामिल प्रपत्र के अनुरूप कराया गया है। जल्द इन सभी शहरी गरीबों के राशनकार्ड भी बनेंगे।
राज्य के सभी निकायों में सर्वे का काम पूरा हो गया है। उनकी डाटा एंट्री का काम तेजी से चल रहा है। खाद्य संरक्षण विभाग को वह डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है। – आनंद किशोर, सचिव, नगर विकास एवं आवास
Source: Hindustan
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