कोरोना संकट (COVID-19) के चलते जारी लॉकडाउन (Lockdown) में कोचिंग सिटी कोटा (Kota) में फंसे देशभर के हजारों स्टूडेंट्स में से अब तक पांच राज्यों की सरकारें अपने-अपने स्टूडेंट्स को यहां से निकाल चुकी हैं. लेकिन बिहार के करीब 7500 स्टूडेंट्स अभी कोटा में ही फंसे हुए हैं. बिहार सरकार (Government of Bihar) द्वारा अभी तक उनकी सुध नहीं लेने से खफा वहां के स्टूडेंट्स ने गुरुवार को अनशन शुरू कर दिया.
बिहार के स्टूडेंट्स ने कहा कि नीतीश सरकार की दोहरी नीति नहीं चलेगी
इन स्टूडेंट्स ने अपने-अपने हॉस्टल में इस मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. बिहार के इन स्टूडेंट्स ने हाथों में पोस्टर लेकर नीतीश सरकार को अंधी, बहरी और गूंगी बताया. अनशन पर बैठे स्टूडेंट्स ने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश सरकार विदेशों से तो स्टूडेंट्स को ला रही है, लेकिन उनकी सुध नहीं ली जा रही है. नीतीश सरकार की यह दोहरी नीति नहीं चलेगी. बिहार के इन स्टूडेंट्स ने चेतावनी दी कि अगर नीतीश सरकार ने उन्हें यहां से नहीं निकाला तो यह विरोध आगे भी जारी रहेगा.
बिहार समेत अन्य राज्यों के हजारों स्टूडेंट्स अभी भी यहां फंसे हैं
उल्लेखनीय है कि कोटा से अब तक उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात समेत पांच राज्यों ने अपने-अपने हजारों स्टूडेंट्स को यहां से निकाल लिया है. इन राज्यों ने राजस्थान सरकार के साथ सामंजस्य स्थापित कर वहां से बसें भिजवाई और स्टूडेंट्स को सकुशल उनके घरों तक पहुंचा दिया. लेकिन कोटा में अभी भी बिहार समेत अन्य राज्यों के करीब 22 से 25 हजार स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं. राजस्थान सरकार और कोटा जिला प्रशासन के साथ कोचिंग इंस्टीट्यूट्स भी प्रयासरत हैं कि जल्द ही अन्य राज्य भी अपने स्टूडेंट्स को गृह जिले में प्रवेश की अनुमति दें.
Source: News18
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