अमेजन, फ्लिकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से मोबाइल फोन, टेलीविजन, रेफ्रिजरेटर, लैपटॉप और साफ-सफाई से जुड़े उत्पादों की बिक्री की अनुमति 20 अप्रैल से होगी. अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. तीन मई तक देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ बढ़ाए जाने को लेकर गृह सचिव अजय भल्ला द्वारा जारी संशोधित दिशानिर्देश के एक दिन बाद गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने यह स्पष्टीकरण जारी किया है.
अधिकारी ने कहा कि मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद ई-कॉमर्स कंपनियों के प्लेटफॉर्म पर 20 अप्रैल से उपलब्ध होंगे. हालांकि इन सामानों की डिलीवरी करने वाले वाहनों को सड़कों पर चलाने के बारे में संबंधित प्राधिकरण से मंजूरी लेनी होगी. बुधवार को जारी दिशानिर्देश के अनुसार कमर्शियल और निजी प्रतिष्ठानों को बंद के दूसरे चरण में काम करने की अनुमति दी गई है.
पहले जरूरी चीजों की बिक्री को ही थी अनुमति
इससे पहले की अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि ई-कॉमर्स कंपनियों को खाने का सामान, दवा और चिकित्सा उपकरण जैसी केवल जरूरी कमोडिटीज की आपूर्ति की अनुमति होगी. बुधवार को जारी दिशानिर्देश में जरूरी और गैर-जरूरी कमोडिटीज के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दिया गया था.
कई कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए कदम
सरकार के इस कदम को औद्योगिक और कमर्शियल गतिविधियां शुरू करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. ये गतिविधियां 25 मार्च से जारी बंद से ठप हैं. बड़ी संख्या में लोग ई-कॉमर्स कंपनियों के ‘लॉजिस्टिक’ और सामानों की आपूर्ति के काम से जुड़े हैं. इन क्षेत्रों को खोलकर सरकार कर्मचारियों के एक बड़े तबके के हितों की रक्षा करना चाहती है.
दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है, ‘‘जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला से संबद्ध सभी सुविधाओं को परिचालन की अनुमति मिलनी चाहिए. चाहे वे स्थानीय, ई-कॉमर्स कंपनियों के जरिए इन वस्तुओं की मैन्युफैक्चरिंग, थोक या खुदरा कारोबार से ही क्यों न जुड़े हों.’’ इसमें उन्हें कड़ाई से सामाजिक दूरी का पालन करते हुए काम करने की अनुमति देने की बात कही गई है.
source: financialexpress
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