दिल्ली के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र अब फ्रेंच भाषा भी सीख सकेंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार ने फ्रांस के साथ एक समझौता किया है। सोमवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन की उपस्थिति में इंस्टीट्यूट फ्रांसेस एन इंडे (आईएफआई – द फ्रेंच इंस्टीट्यूट इन इंडिया) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर (एमओयू) किए गए। समझौते का मुख्य उद्देश्य दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को प्रोफेशनल रूप से तैयार करना है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकार अपने सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्रों को वैश्विक एक्सपोजर देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें फ्रेंच भाषा प्रोग्राम महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। अब हमारे छात्रों के पास फ्रेंच भाषा को सीखने का भी विकल्प होगा। फ्रेंच जैसी वैश्विक भाषा की शुरुआत होने से हमारे छात्रों के लिए शिक्षा, ट्रेवल, ऑटोमोबाइल, टूरिज्म, हॉस्पिटैलिटी जैसे कई क्षेत्रों में अपना भविष्य बनाने के विकल्प होंगे।
उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि एक विदेशी भाषा को सीखना केवल एक स्किल सीखने तक सीमित नहीं है। इससे छात्रों को किसी देश की संस्कृति को सीखने व उससे जुड़ने का भी मौका मिलेगा। यह समझौता भविष्य में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स के लिए नए रोजगार और कई शैक्षणिक अवसर भी पैदा करेगा। दोनों देश न केवल व्यापार के क्षेत्र में बल्कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी समझौते के माध्यम से सदियों से एक-दूसरे से सीखते आ रहे हैं।
इस मौके पर शिक्षा सचिव और डीबीएसई के वाइस-प्रेसिडेंट एच राजेश प्रसाद, फ्रेंच इंस्टीट्यूट इन इंडिया के कंट्री डायरेक्टर इमैनुएल लेब्रुन डेमियंस, शिक्षा निदेशक डीबीएसई हिमांशु गुप्ता, विशेष शिक्षा सचिव सी. अरविंद व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने कहा कि शुरुआत में फ्रेंच भाषा कोर्स की पढ़ाई दिल्ली सरकार के 30 स्कूलों में होगी। इसमें डॉ. आंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस शामिल हैं।
इन स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं के छात्रों को सीखने के लिए फ्रेंच भाषा का विकल्प दिया जाएगा। पहले चरण (पायलट फेज) के परिणामों के आधार पर बाकी स्कूलों में भी कोर्स का विस्तार किया जाएगा। फ्रेंच इंस्टीट्यूट द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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