मुजफ्फरपुर शहर में निर्माण के लिए बेतरतीब खुदाई ने जीना मुहा’ल कर दिया है। जगह-जगह खोदे गए गड्ढे के कारण जाम की समस्या ही खड़ी नहीं हो रही, बल्कि प्रदूषण भी बढ़ रहा है।
हाल यह है कि शहर कि जिन हिस्सों में खुदाई कर छोड़ी गई है, प्रदूषण का ग्राफ उन्हीं हिस्सों में सबसे अधिक है। प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण नालों की उड़ाही कर सड़क पर छोड़ी गई गाद व सड़क खोद कर छोड़ी गई मिट्टी है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक शहर के उन पांच हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर सोमवार को सबसे अधिक पाया गया, जहां नालों की गाद सड़क पर छोड़ी गई है या मिट्टी की खुदाई कर छोड़ी गई है। लक्ष्मी चौक इलाके में खुदाई कर छोड़ी गई मिट्टी के कारण प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है।
सोमवार को ब्रह्मपुरा इलाके में प्रदूषण का स्तर अधिकतम 410 पाया गया है। हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 410 होने का कारण धूलकणों की अधिकता है। इसके कारण चर्मरोग, हार्ट और अस्थमा के मरीजों की बढ़ रही है। ब्रह्मपुरा इलाके में जहां प्रदूषण की मात्रा अधिकतम 410 पायी गई है, वहीं मिठनपुरा इलाके में यह 390 है व अघोरिया बाजार इलाके में 370 है। इन सबके अलावा कलेक्ट्रेट इलाके में भी हवा में प्रदूषण की मात्रा अधिकतम 352 पायी गई है।
पर्यावरण के जानकार ने बताया कि सड़कों की खुदाई व नाले की उड़ाही के कारण यह समस्या पैदा हो रही है। जिस तरह पूरे शहर को खोदकर छोड़ दिया गया है, उससे धूल और बढ़ने की संभावना है।
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