कोरोना संकट काल में ‘आपदा को अवसर’ बनाने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई की मुहिम लगातार जारी है. EOW की टीम ने पटना पुलिस के सहयोग से गांधी मैदान थाना क्षेत्र के एसपी वर्मा रोड में एक निजी हॉस्पिटल में छापेमारी कर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़ किया है.गुरुवार को ईओयू की विशेष टीम ने राजधानी पटना के एसपी वर्मा रोड में छापेमारी कर एक निजी अस्पताल के निदेशक और उसके साले को रेमडेसिविर दवा के 2 डोज के साथ गिरफ्तार कर लिया. अस्पताल और वहां मौजूद दवा दुकान की आड़ में दोनों रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे थे.
बताया जाता है कि दवा दुकान के नाम पर ली गई रेमडेसिविर को ये ब्लैक में बेचते थे। ईओयू की टीम ने पहले अल्ताफ को गिरफ्तार किया और उसी के जरिए रेनबो अस्पताल के निदेशक तक पहुंचने में कामयाब हुई. पूछताछ में पता चला कि रेमडेसिविर के 2 डोज के लिए एक लाख रुपए तक वसूला जाता था. निदेशक और उसके साले ने पुलिस को बताया कि वे रोजाना रेमडेसिविर की 2 डोज ही बेचते थे. दोनों को गांधी मैदान पुलिस के हवाले कर दिया गया है। वहीं इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
EOW के मुताबिक आम लोगों से मिली सूचना आधार पर मेडिकल ऑक्सीजन, आवश्यक दवाइयों और इंजेक्शन की कालाबाजारी और अवैध भंडारण रोकने को यह छापेमारी अभियान चलेगा. अब तक इस टीम ने पटना के कई इलाकों में छापा मारकर 54 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और 42 रेगुलेटर जब्त किए हैं. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने लोगों से अपील की है कि वे कालाबाजारी के खिलाफ पुलिस को सहयोग के लिए आगे आएं, ताकि कोरोना मरीजों का इलाज बगैर किसी बाधा के हो सके.
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