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मनमाने पैसे नहीं मांग सकेंगे पटना के एंबुलेंस चालक, सरकारी दर पर ही मिलेगी अब मरीजों को सेवा, जानें प्रशासन की तैयारी

आये दिन एंबुलेंस वालों द्वारा कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने या अन्यत्र ले जाने के क्रम में मनमानी रकम मांगे जाने की शिकायत मिल रही है. इस मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और एंबुलेंस के लिए सरकारी दर निर्धारित की जा रही है. इस दर के निर्धारण के बाद एंबुलेंस चालक उससे अधिक राशि किसी से नहीं ले सकते हैं. और, इसके बाद भी वे अधिक राशि लेते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.
दर निर्धारण के मसले को लेकर शनिवार को जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने पटना में एंबुलेंस चलाने वाले 19 संचालकों के साथ बैठक की और उनका पक्ष भी जाना. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने संचालकों से एसी, नॉन एसी, ऑक्सीजन युक्त व अन्य प्रकार के एंबुलेंस की उचित दर की जानकारी देने को कहा. इस दर की समीक्षा करने के लिए एक समिति का गठन कर दिया. समिति में जिला प्रशासन के एक एडीएम, जिला परिवहन पदाधिकारी व जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को शामिल किया गया है.
बैठक में एंबुलेंस संचालकों ने कहा कि कोरोना के कारण एंबुलेंस चालक कहीं भी आने-जाने से कतराते हैं. इसके लिए उन्हें अधिक राशि देनी पड़ती है. इसके साथ ही उन्हें पीपीइ किट, फेस शील्ड, मास्क, ग्लब्स भी सुरक्षा को लेकर दिये जाते हैं. मरीजों को जगह पर पहुंचाने के बाद एंबुलेंस को सैनिटाइज करना पड़ता है. इसके कारण कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में काफी खर्च होता है.
इसके अलावा एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर की आवश्यकता होती है. अभी यह काफी मुश्किल से और दोगुनी कीमत से मिल पा रही है.संचालकों ने कहा कि कई बार एक अस्पताल के लिए एंबुलेंस की बुकिंग होती है. लेकिन उसमें बेड नहीं मिलने पर कई अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता है. इसमें भी खर्च और बढ़ जाता है.

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