नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (NMCH) में बार-बार फेल हो रहे ऑक्सीजन सिस्टम के बाद अब एक दर्जन से अधिक अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जान पर खतरा मंडरा रहा है। हॉस्पिटल की गाड़ियां फैक्ट्री से वापस लौट रही हैं उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। हॉस्पिटल DM और DDC से लेकर हर जिम्मेदार अधिकारी से गुहार लगा रहे हैं लेकिन को जवाब नहीं मिल रहा है। कई हॉस्पिटल का तो बैकअप भी जवाब देने वाला है। अगर ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हुई तो मरीजों की जान पर बड़ा खतरा होगा। प्रशासन और अस्पताल के बीच काम करने वाले नोडल अफसर भी इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है जिससे हालात बेकाबू हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं हुई तो आंखों के सामने तड़प-तड़प कर मरीजों की मौत हो जाएगी और वह कुछ नहीं कर पाएंगे। ऐसे विकट स्थिति में मरीजों के परिजनों को खतरे से अवगत कराया जा रहा है और उन्हें स्वेच्छा से किसी दूसरे हॉस्पिटल में एडमिट करने को कहा जा रहा है।
प्रशासन नहीं दे रहा कोई जवाब
पटना के प्रशासनिक अधिकारियों और कोरोना हॉस्पिटल के मालिकों के मोबाइल नंबर का एक ग्रुप बनाया गया है। हॉस्पिटल इस ग्रुप में अपनी समस्या से प्रशासन को अवगत कराते हैं। इस ग्रुप में DM और DDC से लेकर कई बड़े अफसर शामिल हैं। हॉस्पिटल शनिवार की रात से लगातार ऑक्सीजन का संकट गहराने की बात कर रहे हैं लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई जवाब नहीं दे रहा है। एक हॉस्पिटल ने ग्रुप में लिखा है कि ऑक्सीजन का संकट अब जानलेवा हो गया है। कंपनी से गैस नहीं मिल पा रही है जिससे मरीजों की जान खतरे में है। एक हॉस्पिटल ने तो लिखा है कि ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मरीजों की जान खतरे में है। बैकअप भी अब खत्म हो रहा है। इस कारण से भर्ती मरीजों की हर सांस पर खतरा मंडरा रहा है। अगर ध्यान नहीं दिया गया तो संकट बढ़ जाएगा।
फैक्ट्री ने बंद कर लिया है ताला
एक हॉस्पिटल ने कहा है कि शनिवार की रात से ऑक्सीजन का संकट फिर गहरा गया है। बैकअप अब खत्म होने वाला है जिससे मरीजों की जान पर खतरा है। ऑक्सीजन के लिए हॉस्पिटल की गाड़ी कंपनी पर गई लेकिन वहां अंदर से ताला बंद था। इस कारण से गाड़ी बिना ऑक्सीजन लिए ही वापस आ गई। अब मरीजों को रख पाना खतरे से खाली नहीं है। हॉस्पिटल का कहना है कि अगर ऑक्सीजन नहीं मिला तो मरीजों की हर सांस पर खतरा है और कोई बड़ी घटना हो इसके पहले मरीजों के परिवार वालों को हालात से अवगत करा दिया जा रहा है। पटना के समय हॉस्पिटल ने बताया कि कोरोना के संक्रमितों को ऑक्सीजन सबसे जरूरी है और हम उसी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में मरीजों की जान पर खतरा है। इस समस्या का समाधान नहीं कराया गया तो संक्रमितों की जान बचा पाना मुश्किल हो जाएगा।
हॉस्पिटल के मैसेज, जिस पर प्रशासन मौन
पटना के 3 अस्पतालों ने DM और DDC को त्राहिमाम संदेश भेजकर मदद मांगी है। कहा है कि उनके पास ऑक्सीजन बैकअप काफी कम समय का है। सनराइज हॉस्पिटल ने लिखा है कि सर हमारे पास लगभग 3 ऑक्सीजन सिलेंडर बचा है और उसका बैकअप 45 मिनट ही है। हमारे पास ICU में 9 पेसेंट हैं, जिनमें से 2 सिर्फ ऑक्सीजन पर हैं। सिलेंडर देने वाली एजेंसी गंगोत्री ने फोन उठाना बंद कर दिया है। इसके अलावा पटना के समय हॉस्पिटल और सत्यदेव हॉस्पिटल ने भी इसी तरह का त्राहिमाम मैसेज लिखा है।
Be First to Comment