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चुनाव के बाद ‘न घर का न घाट का’ रहेगा अधिकारी परिवार, पुराने सिपहसालार पर ममता बनर्जी का ह’मला

पश्चिम बंगाल के चुनावी रण में घमासान तेज हो गया है। पहले चरण की वोटिंग के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की निगाहें अब दूसरे चरण पर टिकी हुई हैं। खास बात ये भी है कि ममता की नजर अब नंदीग्राम पर है, जहां से वे खुद चुनाव मैदान में हैं।

ममता बनर्जी ने सोमवार को अपने मुखर प्रतिद्वंद्वी सुवेन्दु आधिकारी और उनके पिता सिसिर अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा, ”विधानसभा चुनाव के बाद ये लोग न घर के रहेंगे, न घाट के”। सुवेन्दु पिछले दिसंबर में बीजेपी में शामिल हो गए थे और उसके बाद उनके सबसे छोटे भाई सौमेंदु और उनके पिता भी बीजेपी में शामिल हो गए। बनर्जी नंदीग्राम में सुवेंदु के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।

मुख्यमंत्री ने भाजपा और सुवेंदु अधकारी पर नंदीग्राम में गुंडागर्दी करने का आरोप लगाया, उन्होंने दावा किया कि वे चुनाव हारने से डरते थे। ममता ने कहा- नंदीग्राम में हिंसा और गुंडागर्दी देखी जा रही है। हमने कल बिरुलिया में एक बैठक की और हमें पता चला कि टीएमसी कार्यालय को तोड़ दिया गया है। हमारे एक कार्यकर्ता को पीटा गया। ‘गद्दार’ चुनाव जीतने के लिए जो चाहे कर रहे हैं। नंदीग्राम के किसी व्यक्ति ने मुझ पर हमला नहीं किया बल्कि भाजपा ने यूपी, बिहार से गुंडे लाए और मुझपर हमला किया। हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। मैं गेम भी खेल सकती हूं। मैं भी रॉयल बंगाल टाइगर की तरह जवाब दूंगा।

ममता ने कहा , “गुंडागर्दी कौन करता है? एक ऐसा व्यक्ति जिसे जीतने की कोई उम्मीद नहीं है। खेल शुरू होने से पहले ही वो हार गया है।”अपने पूर्व सहयोगी पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “यह मेरी गलती थी। मैंने कभी नहीं सोचा था कि जिस व्यक्ति को मैंने परिवहन, सिंचाई, पर्यावरण मंत्रालय दिया, जिसके पिता को दीघा में विकास बोर्ड का अध्यक्ष बनाया, जिसके भाई को कोंताई का नगर पालिका अध्यक्ष बनाया, उसने मुझे धोखा देगा। इस सब में उन्होंने इतना पैसा कमाया कि भाजपा ने उन्हें अपनी पार्टी में शामिल होने या कार्रवाई का सामना करने के लिए कहा। चुनाव के बाद तो वे ना घर के रहेंगे ना घाट के। ”

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