मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 जनवरी को मनाया जाएगा। सुबह 09:03 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन स्नान-दान करना पुण्यदायक माना जाता है। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा और पवित्र नदियों में स्नान के साथ दान-पुण्य का बड़ा ही महत्व माना जाता है।
मकर संक्रान्ति शुभ मुहूर्त
- मकर संक्रान्ति पुण्य काल – 09:03 से 17:46
- अवधि – 08 घण्टे 42 मिनट्स
- मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – 09:03 से 10:48
- अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट्स
- मकर संक्रान्ति का क्षण – 09:03
- ब्रह्म मुहूर्त- 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
- प्रातः सन्ध्या- 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
- अभिजित मुहूर्त- 12:09 पी एम से 12:51 पी एम
- विजय मुहूर्त- 02:15 पी एम से 02:57 पी एम
- गोधूलि मुहूर्त- 05:42 पी एम से 06:09 पी एम
- सायाह्न सन्ध्या- 05:45 पी एम से 07:06 पी एम
- रवि योग- 07:15 ए एम से 10:38 ए एम
- निशिता मुहूर्त- 12:03 ए एम, जनवरी 14 से 12:57 ए एम, जनवरी 14
मकर संक्रांति पर सुबह से लेकर शाम तक इस मुहूर्त में करें पूजा
- अमृत – सर्वोत्तम 07:15 ए एम से 08:34 ए एम
- काल – हानि 08:34 ए एम से 09:53 ए एम काल वेला
- शुभ – उत्तम 09:53 ए एम से 11:11 ए एम
- रोग – अमंगल 11:11 ए एम से 12:30 पी एम
- उद्वेग – अशुभ 12:30 पी एम से 01:49 पी एम
- चर – सामान्य 01:49 पी एम से 03:07 पी एम
- लाभ – उन्नति 03:07 पी एम से 04:26 पी एम वार वेला
- अमृत – सर्वोत्तम 04:26 पी एम से 05:45 पी एम
मकर संक्रान्ति पूजा-विधि
1 सुबह-सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और पानी में गंगाजल और मिलाकर स्नान करें।
2- गणेश जी का ध्यान करें।
3- तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प, लाल रोली, गुड़, अक्षत और काला तिल मिलकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।

4- अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र और गायत्री मंत्र पढ़ें।
5- अर्घ्य देते समय जल की धारा में देखकर सूर्य देव का दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है।
6- इसके बाद सूर्य देव को धूपबत्ती या घी का दीपक दिखाएं और 3 बार परिक्रमा करें।
7- अब भोग अर्पित करने के बाद क्षमा प्रार्थना करें।
मकर संक्रान्ति उपाय- मकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन आदित्य हृदय स्तोत्रम का पाठ व सूर्य मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ आदित्याय नमः
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