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महिला सीओ का बड़ा खेल…करोड़ों की सरकारी जमीन का कर दिया दाखिल-खारिज

बिहार में जमीन की दाखिल खारिज के नाम पर बड़ा खेल हो रहा. सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी यह धंधा रूकने का नाम नहीं ले रहा. रूके भी कैसे…पूरा सिस्टम ही इस खेल में लगा है. भू माफियाओं से मिलकर अंचल अधिकारी सरकारी भूमि की दाखिल-खारिज कर दे रहे हैं. एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है. पोल खुलने के बाद सीओ  ने अपने कर्मचारी से दाखिल खारिज रद्द कराने को लेकर डीसीएलआर कोर्ट में आवेदन दायर किया है. इधर खेल में शामिल अंचल अधिकारी का 7 जनवरी को ही स्थानांतरण हो गया है. बड़ा सवाल यही है कि क्या डीसीएलआर कोर्ट में आवेदन दाखिल करने से अंचल अधिकारी स्तर से जो खेल किया है वो माफ हो जाएगा ?मोतिहारी के कई अंचलों में नियमों को ताक पर रखकर सरकारी जमीन का बंदरबाट किया जा रहा है. दाखिल खारिज में खेल किया जा रहा है. ताजा मामला मोतिहारी जिले के हरसिद्धि अंचल से जुड़ा है जहां महिला सीओ ने करोड़ो की सरकारी जमीन का दाखिल खारिज कर दिया.जब इसकी भनक क्षेत्र के लोगो मे लगी तो आनन फानन में हल्का कर्मचारी द्वारा दाखिल-खारिज रद्द करने के लिए अरेराज डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है .हरसिद्धि अंचल की कारनामे की चर्चा जोरों पर है.  चर्चा है कि महिला सीओ ने एक सफेदपोश के फेवर में काम करते हुए करोड़ो के सरकारी जमीन से बिना अतिक्रमण हटाये ही पूर्व से चल रहे अतिक्रमणवाद को खत्म कर दिया. स्थानीय लोगों की मानें तो हरसिद्धि अंचल के कार्यो की अगर सूक्ष्म तरीके से जांच की जाय तो भारी भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है. कर्मचारी के डीसीएलआर के कोर्ट में परिवाद दायर के बाद महिला सीओ समेत दोनो हल्का कर्मचारी पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है।IMG-20241030-WA0000-1024x682-2-1.jpg (1024×682)हरसिद्धि सीओ द्वारा सरकारी जमीन को दाखिल खारिज करने की जब पोल खुली,इसके बाद अंचल कार्यालय में हड़कंप मच गया।अपने ही बुने जाल में फंसते देख हल्का कर्मचारी शशिकांत सूरज और अमरेन्द्र कुमार द्विवेदी ने सरकारी जमीन की दाखिल खारिज रद्द करने के लिए डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर किया है। परिवाद दायर के बाद हरसिद्धि अंचल कार्यालय के कार्यप्रणाली की चर्चा तेज हो गयी है। ग्रामीणों ने राजस्व मंत्री से हरसिद्धि अंचल की जांच कराकर करोड़ो की सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा का खुलासा कर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है. बता दें, हरसिद्धि अंचल में करोड़ो की सरकारी जमीन के फर्जीवाड़े की पोल खोलने को लेकर चर्चित आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या भी हो चुकी है.

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