बिहार में कुछ महीने पहले सरकार के तरफ से निजी स्कूलों के तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी परेंट्स मीटिंग शुरू की गयी और इस दौरान जो फीडबैक मिलता है उसे ध्यान में रखते हुए आगे के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं। इसी कड़ी में अब यह निर्णय लिया गया कि न सिर्फ टीचर बल्कि स्टूडेंट भी अपने टीचरों का फीडबैक देंगे। इसके बाद यदि किसी टीचर का रिपोर्ट सही नहीं रहा तो उन्हें ट्रेनिंग पर भी भेजा जा सकता है। इसको लेकर सभी जिलों के deo को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
दरअसल, पिछले कई महीनों से परेंट्स- टीचर मीटिंग में यह बातें सामने आ रही थी कि बच्चे भी अपनी बातों को रखना चाहते थे लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाता था। इसके बाद कुछ ऐसे शब्द उन्हें टीचर के तरफ से कहे जाते हैं वह उचित नहीं है। लिहाजा अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि स्कूलों में छात्रों के नामों का मजाक उड़ाना या उन्हें तोड़-मरोड़ कर बोलना भी प्रतिबंधित होगा। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कड़ा निर्देश जारी किया है।
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