भागलपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने शुक्रवार को रेल मंत्रालय की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसमें बिहार की भी एक परियोजना शामिल है। समिति ने 2549 करोड़ रुपये की लागत से विक्रमशीला-कटरिया रेलवे लाइन को मंजूरी दी है। इसके तहत भागलपुर में गंगा नदी पर एक और पुल का निर्माण किया जाएगा। यह भागलपुर का पहला और बिहार का पांचवां रेल पुल होगा।
भागलपुर में अब तक विक्रमशिला सेतु, उसके समानांतर निर्माणाधीन नया पुल और सुल्तानगंज-अगुवानी पुल सड़क वाला है। करीब 26.23 किमी लंबा पुल न सिर्फ दो नेशनल हाइवे को जोड़ेगा, बल्कि इसके बनने से कोसी और सीमांचल क्षेत्र का पूर्वी बिहार यानी अंग क्षेत्र से भी रेल संपर्क जुड़ जाएगा।
यह परियोजना काफी सालों से लंबित थी। वित्तीय वर्ष 2016-17 में ही इस परियोजना को बजट में शामिल किया गया था। बजट में करीब 4500 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया था। एक साल पहले एलाइनमेंट का ड्रोन सर्वे किया गया। रेल टेल कंपनी ने सर्वे में पाया कि अधिकतर जमीन गंगा नदी क्षेत्र में है। इसलिए अधिग्रहण में मामला ज्यादा नहीं खींचेगा।
भागलपुर में गंगा नदी पर प्रस्तावित नया रेल पुल वाई आकार का होगा। इसमें पुल के दोनों तरफ से रेल लाइन मिलेगी। उत्तर में कटरिया और नवगछिया तथा दक्षिण दिशा में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर स्टेशन की तरफ बटेश्वर स्थान के पास लाइन जुड़ेगी। नई रेललाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा। मुख्य पुल की लंबाई 2.5 किलोमीटर होगी। यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ करेगा।
यह पुल बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों से भी एक-दूसरे जिले को जोड़ सकेगा। वहीं, कोसी क्षेत्र का भागलपुर, गोड्डा, दुमका, देवघर, रांची आदि शहरों से रेल संपर्क आसान हो जाएगा। यह पुल उत्तर और पूर्वी भारत का अतिरिक्त रेल कॉरिडोर का काम करेगा। इसे मेगा रेल कॉरिडोर नाम दिया जाएगा।
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