पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि नीतीश कुमार का अब राजनीतिक जीवन का अंतिम दौर चल रहा है। जो लोग मुझ पर या जन सुराज पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उनसे जाकर पूछिए कि जब आपका नाव डूब गया था, नीतीश कुमार भगोड़े के तौर पर मुख्यमंत्री का पद छोड़ भाग खड़े हुए थे, राजनीति से संन्यास लेने का सोच रहे थे, तब उनके नेता ही हमारे पास मदद मांगने आए थे।
अगर प्रशांत किशोर नीतीश कुमार की मदद उस समय नहीं किए होते तो नीतीश कुमार और जदयू का कोई पता नहीं होता। गीता में कहा गया है कि कृतघ्न नहीं होना चाहिए, कृतघ्नता से बड़ा कोई अपराध नहीं है। नीतीश कुमार और JDU के लोगों को कम से कम कृतघ्न नहीं होना चाहिए। अगर प्रशांत किशोर ने 2015 में कंधा नहीं लगाया होता, तो न वे होते, न उनका नेता होता, न कोई दल होता।
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