पटना: लोकसभा चुनाव 2024 में मुख्य लड़ाई पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए और राहुल गांधी, लालू यादव के इंडिया गठबंधन के बीच है। दोनों गठबंधन अपना-अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए एक दूसरे पर वार-प्रतिवार कर रहे हैं। जमुई की चुनावी जनसभा में नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, चिराग पासवान, सम्राट चौधरी समेत एनडीए के नेताओं ने महागठबंधन पर आरोपों की झड़ी लगा दी।
ईसिस दौरान लालू के बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक वीडियो जारी कर बदला ले लिया। यह वीडियो बीजेपी की एक सांगठनिक बैठक का है जिसमें नीतीश सरकार के मंत्री प्रेम कुमार की मौजूदगी में संविधान बदलने की बात कही जा रही है। तेजस्वी ने बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है। यूपी के पूर्व सीएम और मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव ने तेजस्वी यादव का इस मुद्दे पर सपोर्ट किया है।
उन्होंने कहा है कि बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री प्रेम कुमार एवं बिहार बीजेपी के वरिष्ठतम नेता की उपस्थिति में बीजेपी के वरिष्ठ नेता संविधान बदलने की क़समें खा रहे है। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव सहित दलित, वंचित, उपेक्षित और आदिवासियों से घृणा करने वाले भाजपाई एक ख़तरनाक साजिश के तहत संविधान बदलने के साथ-साथ आपके लोकतांत्रिक अधिकारों, नौकरियों, शिक्षा और आरक्षण को समाप्त करना चाहते है। जागो देशवासियों जागो!
दरअसल राजेडी और कांग्रेस के नेता पहले से ही बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाते रहे हैं। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव ने यही शिगूफा छोड़कर चुनाव के नतीजे बदल दिए। तब संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई की एक मीटिंग में आरक्षण पर चर्चा और समीक्षा की बात कही थी। तब नीतीश कुमार और कांग्रेस के साथ महागठबंधन चला रहे लालू यादव ने संघ प्रमुख के बयान को चुनावी हथकंडा बना लिया। वैशाली में आयोजित आरजेडी के कंवेशन में लालू यादव ने कमंडल बनाम मंडल की रणनीति का ऐलान कर दिया। इस वीडियो के रूप में एक बार फिर राजद को बीजेपी के खिलाफ बैठे बिठाए एक हथियार मिल गया है।
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