पटना: पूर्णिया लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के मकसद से कांग्रेस में शामिल होने वाले पप्पू यादव के खिलाफ उम्मीदवार उतारने पर पूर्व सांसद आनंद मोहन ने लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी आरजेडी पर बड़ा हमला किया है। आनंद मोहन ने कहा है कि राजद की नस-नस में तानाशाही भरी हुई है। जब-जब यह पार्टी मजबूत होती है तो उनके सहयोगी दल दुबले हो जाते हैं। उन्होंने महागठबंधन के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की टिकट पर शिवहर से चुनाव लड़ने वाली हैं। उन्होंने कहा है कि एक पार्टी दनादन सिंबल बांट रही है और अन्य दल टकटकी लगाकर देख रहे हैं।
आनंद मोहन ने कहा कि यह कैसा महागठबंधन है जिसमें सीट शेयरिंग फाइनल हुआ नहीं और एक दल लगातार सिंबल बांटे जा रहा है वहीं दूसरे लोग टकटकी लगाकर देख रहे हैं कि हमारा क्या होगा। महागठबंधन में भारी हताशा और निराशा है। पप्पू यादव का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि एक आदमी कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करता है और अब कहता है कि मैं पूरी तरह बर्बाद हो गया। अगर पूर्णिया हमसे छूट गया तो पूरी तरह टूट जाऊंगा। आनंद मोहन ने कहा कि एक पार्टी के नस-नस में तानाशाही भरी हुई है और घोर अराजकता है। जब-जब वह पार्टी मजबूत होती है तो बिहार भयाक्रांत हो जाता है। जब वह पार्टी मजबूत होती है तो एलाइंस पार्टी के लोग दुबले हो जाते हैं। इसके उदाहरण है वाम दलल और कांग्रेस हैं। उन्होंने कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों को नसीहत दिया कि महागठबंधन में बने रहने को लेकर आत्म मंथन करें।
बुधवार को आनंद पूर्व सांसद आनंद मोहन शिवहर दौरे पर थे जहां से उनकी पत्नी लवली आनंद जेडीयू से लोकसभा चुनाव लड़ने वाली हैं। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर से ही विधायक हैं जो नीतीश सरकार के विश्वास प्रस्ताव के दौरान राजद छोड़कर नीतीश कुमार के खेमे में शामिल हो गए।
दरअसल, पप्पू यादव काफी समय से पूर्णिया में पसीना बहा रहे हैं। यहीं का टिकट लेने के लिए उन्होंने अपनी पार्टी को कांग्रेस में मिला दिया। लेकिन महागठबंधन में शामिल आरजेडी ने जेडीयू छोड़कर आई बीमा भारती को यहां उतार दिया है। लालू यादव ने बीमा भारती को सिंबल भी दे दिया है। इधर पप्पू यादव ऐलान कर चुके हैं कि दुनिया छोड़ दूंगा लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ सकता है। तीन अप्रैल वहां नामांकन की अंतिम तिथि है। पप्पू यादव को लेकर राजद और कांग्रेस क्या फैसला लेती है और पप्पू यादव क्या कदम उठाते हैं, यह देखना अहम होगा।
Be First to Comment