मुजफ्फरपुर: सरकारी अस्पतालों में बिना ड्यूटी किए हाजिरी बनाना अब डॉक्टरों के लिए मुश्किल हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस पर शिकंजा कसा है। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों की हाजिरी अब मरीजों के इलाज करने पर ही बनेगी। सदर अस्पताल से लेकर पीएचसी तक के डॉक्टर अब मरीजों का इलाज इंटीग्रेटेड हेल्थ सिस्टम पर करेंगे। इस बाबत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सिविल सर्जन को निर्देश जारी किया है।
इसमें बताया गया है कि ओपीडी में सुबह नौ बजे से पूर्व ही डॉक्टर को मरीजों का इलाज इंटीग्रेटेड हेल्थ सिस्टम पर करना है। इसके बाद ही उनकी अस्पताल में उपस्थिति मानी जाएगी। मरीजों का इलाज किए बगैर केवल खानापूर्ति करने पर वे अनुपस्थित माने जाएंगे। सिविल सर्जन डॉ. ज्ञानशंकर ने बताया कि इसे लागू करने का आदेश जारी किया गया है। मरीजों का इलाज ऑनलाइन करने को कहा गया है। सिस्टम पर इलाज किए जाने पर यह दिखता है कि चिकित्सक ने मरीजों का इलाज कितने बजे किया, किस बीमारी से ग्रसित मरीज का इलाज किया, मरीज को कौन-कौन सी दवाएं दी गई हैं। इंटीग्रेटेड हेल्थ सिस्टम के माध्यम से इलाज करने पर काफी पारदर्शिता आएगी।
मरीजों का इलाज करने में कई डॉक्टर लापरवाही बरतते हैं। इसको लेकर पूर्व में भी 186 डॉक्टरों को शोकॉज किया गया था। इसमें पूछा गया था कि बीते 15 दिनों में एक भी मरीजों का इलाज क्यों नहीं किया है? शोकॉज के जवाब में डॉक्टरों ने बताया था कि कई पीएचसी में इंटीग्रेटेड हेल्थ सिस्टम काम नहीं कर रहा है।
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