पटना: पहले जनसंख्या नियंत्रण पर दिए गए विवादित बयान और फिर जीतन राम मांझी पर सीएम नीतीश कुमार के बयान के बाद से सियासी घमासान जारी है। सदन के अंदर और बाहर नीतीश कुमार के खिलाफ बीजेपी लगातार हमला बोल रही है। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन से दोस्ती करना नीतीश को मानसिक रुप से बीमार कर रही है। पहले से ही महागठबंधन के कई लोगों ने जिस तरह से सनातन विरोधी समाज विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। ऐसे में नीतीश पर इसका असर पड़ना तय है।
विजय सिन्हा ने कहा कि 13 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के मुखिया का व्यवहार जब देश-विदेश के लोगों को भी शर्मिंदा करने लगे तो उस राज्य के भविष्य अंधकार के आगोश में जाना लाज़मी है। महागठबंधन की संगति ही मुख्यमंत्री की ऐसी दुर्गति का कारक है। आरजेडी पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहा कि राजद के लोग जिस जंगलराज को जनताराज बताकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रहे हैं। उनको पता होना चाहिए कि बिहार पूर्ण रूप से गुंडाराज के गिरफ्त में आ चुका है और यहां कागज पर शासन, एसी में आसन और झूठा भाषण का दौर चल रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार की बिगड़ी हुई भाषा और व्यवस्था उनके व्यक्तित्व के पतन का कारण है. वे इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं? यह कहना गलत नहीं होगा कि महागठबंधन के सिरमौर माने जाने वाला व्यक्ति जिसकी आकांक्षा देश का प्रधानमंत्री बनना हो वो महज एक मुख्यमंत्री का पद भी ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं।
जिस तरह उन्होंने एक दलित पूर्व मुख्यमंत्री की आवाज को दबाया, उनके खिलाफ अपशब्द बोले गए उससे साबित होता है कि वो वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं। विजय कुमार सिन्हा ने मांग की है कि सदन के दौरान मुख्यमंत्री के व्यवहारों व अमर्यादित शब्दों की गंभीरता से समीक्षा करते हुए उन्हें खुद कुर्सी खाली कर देनी चाहिए।
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