पटना: आरजेडी सांसद मनोज झा के राज्यसभा में ‘ठाकुर का कुंआ’ कविता पाठ पर सियासी बवाल छिड़ गया है। इस पर खास समाज के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पहला विरोध आरजेडी के विधायक चेतन आनंद ने दर्ज कराया। उसके बाद बीजेपी, आरजेडी, जेडीयू के कई नेता इसमें कूद पड़ें। इन सबने मनोज झा पर निशाना साधा। इस बीच जाप प्रमुख पप्पू यादव मनोज झा के समर्थन में उतर गए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कुछ ग़लत नहीं कहा है।
जाप प्रमुख ने कहा कि उन्होंने (मनोज झा) ओमप्रकाश वाल्मीकि जी द्वारा रचित कविता ठाकुर का कुंआ को अपने भाषण में उद्धृत किया। यह संसाधनों पर एकाधिकार की सामंती व्यवस्था के ख़िलाफ़ लिखी रचना है। इसमें किसी जाति पर आक्षेप नहीं है, आज की मोदी व्यवस्था में ठाकुर की जगह पर अडानी हैं। पप्पू यादव ने पूर्व बाहुबली आनंद मोहन का बिना नाम लिए कहा कि उड़ता तीर लेकर इसे जातिगत अस्मिता से जोड़ना पूरी तरह अनुचित है।
इससे पहले आनंद मोहन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर मैं राज्यसभा में होता तो राख से जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर। आप इतने बड़े समाजवादी हो तो नाम के साथ ‘झा’ क्यों लगाते हो, आप पहले अपने अंदर के ब्राम्हण को मारो। उनसे पहले उनके पुत्र व राजद विधायक चेतन आनंद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और फेसबुक लाइव कर कहा कि “मनोज झा ब्राहणों पर कविता क्यों नहीं सुनाते हैं। वो जनता से माफी मांगें। हम चूड़ी पहनकर नहीं बैठेंगे। कुछ लोग पार्टी में रहकर ए-टू-जेड का फार्मूला बिगाड़ना चाहते हैं। उनका बयान समाजवाद नही है
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