पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दल बीजेपी से ज्यादा अपने लोगों से घिरते नजर आ रहे हैं। जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार को घेरा है। अपने बेटे संतोष सुमन को सीएम बनाने की मांग उठाकर मांझी ने नीतीश की मुश्किलें बढ़ा दी है। पूर्व सीएम ने इशारों-इशारों में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अयोग्य करार दे दिया है।
गरीब संपर्क यात्रा पर निकले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने महागठबंधन के सामने अपना बड़ा दावा पेश किया है। उन्होंने मांग किया है कि उनके बेटे और बिहार सरकार में मंत्री संतोष सुमन को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाए। संतोष सुमन इस समय नीतीश सरकार में एससी एसटी कल्याण मंत्री हैं।
गरीब संपर्क यात्रा करते हुए अरवल पहुंचे जीतन राम मांझी ने प्रखंड परिसर स्थित भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया। उसके बाद उन्होंने कहा कि संतोष कुमार सुमन को सीएम बनाया जाए। मांझी ने कहा कि संतोष सुमन युवा है, पढ़ा लिखा है, नेट क्वालिफाइड है और प्रोफेसर है। उसके पास सभी योग्यताएं हैं। मांझी ने नाम लिए बगैर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम पद के लिए बहुतों का नाम आता है। संतोष उसको अभी पढ़ा सकता है। इशारे में जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव को अपने बेटे के सामने अयोग्य करार दिया।
पूर्व सीएम मांझी ने नीतीश कुमार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जब तक दबे कुचले त्रस्त समाज के लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं होगा तब तक हमारा कल्याण नहीं होगा। पिछले 75 सालों में हर तरह की सरकारें आई, सिर्फ हमारे लोगों की नहीं आई। हम जब 9 महीना के लिए आए तो बिहार में क्या क्या हुआ यह आप सभी जानते हैं। हमारा आना किसी को बर्दाश्त नहीं हुआ।
पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि हम (सेक्युलर) समरस समाज की स्थापना करेगा। जाति और धर्म के विभेद को हम मिटाएंगे। उन्होंने कहा कि गरीब तबके के लोगों की हालत क्या है ये किसी से छुपी हुई नहीं है। आखिर ये स्थिति कबतक चलती रहेगी। स्थिति कब बदलेगी। हम (सेक्युलर) ने इस स्थिति को बदलने का संकल्प लिया है। यात्रा के दौरान हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अनुसूचित जाति -जनजाति विभाग के मंत्री डॉ संतोष कुमार मांझी ने कहा कि हम वोट मांगने नहीं आए हैं। हम आपका प्यार और दुलार लेने आए हैं। गरीब झूठ नहीं बोलता है। उनके मन में छल-कपट नहीं होता है। हम गरीबों की आवाज बनने आए हैं। आप लोग हम के बैनर तले आएं ताकि आपकी आवाज को हमलोग बुलंदी से रख सकें। आप हमारी ताकत बनें। हम गरीबों की आवाज बनने आए हैं। हम गरीबों को सीधा सत्ता सौंपना चाहते हैं। इधर – उधर से गरीबों का कल्याण नहीं होनेवाला। गरीब का बेटा राजा बनेगा तभी गरीब का कल्याण संभव है। इसीलिए मैं आपलोगों से 26 जनवरी को गया के गांधी मैदान में आने के लिए आमंत्रित करता हूं। आप अपनी समस्या भी लिखित रूप से लाएं ताकि उसका समाधान किया जा सके।
बताते चलें कि सीएम नीतीश कुमार पहले ही कह चुके हैं कि बिहार में 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। मतलब यह नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर चुके हैं। इस मुद्दे पर उपेंद्र कुशवाहा पहले ही विरोध जता चुके हैं। राजद के साथ गुप्त डील की चर्चा करते हुए उपेंद्र कुशवाहा तेजस्वी के बजाय अपने दल के किसी नेता को सीएम बनाने की मांग कर चुके हैं। उनके बाद जीतन राम मांझी की यह मांग नीतीश कुमार के लिए सर दर्द से कम नहीं है।
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