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मकर संक्रांति 2023 कब है: 14 या 15 जनवरी कब उत्तम रहेगा स्नान-दान करना?

मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह पर्व भगवान सूर्य को समर्पित माना गया है। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य के ग्रह गोचर को संक्रांति कहा जाता है। मकर राशि में जाने को मकर संक्रांति कहते हैं। इस पर्व में लोग नई फसलों की पूजा भी करते हैं।

Makar Sankranti 2022: जानिए कब और क्यों मनाया जाता है मकर संक्रांति का  पर्व, क्या हैं इससे जुड़ी मान्यताएं - Know when and why the festival of Makar  Sankranti is celebrated what

मकर संक्रांति 2023 की तारीख क्या है?

मकर संक्रांति का पर्व हर राज्य में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। इसलिए इसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति को पूर्वी उत्तर प्रदेश खिचड़ी, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण, हरियाणा, पंजाब में माघी  और तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति का पर्व हर साल जनवरी महीने में ही आता है। लेकिन इस साल इस पर्व की तारीख को लेकर लोगों के बीच कंफ्यूजन है।

मकर संक्रांति 14 या 15 तारीख कब है?

मकर संक्रांति का पर्व लोहड़ी के एक दिन बाद मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 15 जनवरी 2023, रविवार को मनाया जाएगा। मकर संक्रांति का क्षण 14 जनवरी को रात 08 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।

मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त-

मकर संक्रांति पुण्य काल 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से शाम 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। अवधि 10 घंटे 31 मिनट की है। मकर संक्रांति महा पुण्यकाल का समय 15 जनवरी को सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजे तक रहेगा। अवधि 01 घंटा 45 मिनट की है।

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