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ऐसे डॉक्‍टर और पुलिसकर्मी जिन्‍होंने लोगों को बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी….

कोरोना वायरस (CoronaVirus) के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. हर रोज संक्रमितों और मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. अभी तक 27 हजार से ज्‍यादा लोग इससे संक्रमित हैं और 800 से ज्‍यादा लोग दम तोड़ चुके हैं. पुलिस और डॉक्टर जैसे कई वॉरियर्स, आगे आकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. इनमें से कई ऐसे डॉक्‍टर थे जो कोरोना से दूसरों का जीवन बचाते हुए खुद जिंदगी की जंग हार गए. और कई ऐसे पुलिसकर्मी थे जिन्‍होंने लॉकडाउन के दौरान अपना कर्तव्‍य निभाते हुए कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा दी. आज हम आपको ऐसे ही कुछ कोरोना वीरों के बारे में बताएंगे.

लुधियाना के ACP की कोरोना वायरस से मौत
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, लुधियाना शहर के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी, उत्तर) अनिल कोहली, 12 अप्रैल को उनके कोरोना वायरस के संक्रमित होने का पता चला था और इसके छह दिन बाद एसपीएस अस्‍पताले में उनका निधन हो गया. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने कर्फ्यू लगाया था और उस दौरान वह 9 से 10 घंटे शहर के सबसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में काम कर रहे थे. उनके कोरोना वायरस के संक्रमित होने के स्रोत का अभी तक पता नहीं चल पाया है.

बंगाल स्वास्थ्य विभाग के सीनियर अधिकारी की मौत
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के एडिशनल डायरेक्टर डॉ बिप्लब कांति दासगुप्ता की कोरोना वायरस से मौत हो गई. कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. अभी कुछ दिन पहले ही डॉ बिप्लब कांति दासगुप्ता अस्पताल में भर्ती हुए थे, शनिवार की रात उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई और रविवार को उनका निधन हो गया.

मेघालय के पहले कोरोना संक्रमित डॉक्‍टर की मौत
मेघालय में कोरोना वायरस से संक्रमित 69 साल के डॉक्टर की मौत हो गई थी. वह राज्य में कोरोना वायरस के पहले मरीज थे. उनके संपर्क में आने के कारण छह लोग भी कोरोना से संक्रमित हो गए थे.
शिलॉन्ग के बेथानी अस्पताल में कार्यरत डॉक्टर का कोई ट्रेवल हिस्‍ट्री नहीं था. ऐसा कहा गया कि किसी अन्‍य मरीज के संकर्प में आने के कारण वह संक्रमित हुए. निधन के लगभग 36 घंटे के बाद डॉक्‍टर को चर्च के कब्रिस्तान में दफनाया गया था.

कोरोना संक्रमित डॉक्टर के अंतिम संस्कार में हिंसा
तमिलनाडु में एक अस्थि रोग विशेषज्ञ को आधी रात में फावड़ा उठाना पड़ गया क्योंकि उसे कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वाले अपने न्यूरोसर्जन मित्र को दफनाना था. दरअसल, डॉक्टर की अंत्येष्टि के लिए कई लोग आए थे लेकिन इसका विरोध कर रही भीड़ ने उन पर हमला कर दिया और सभी लोगों को शव को कब्रिस्तान में ही छोड़ कर भागने को मजबूर होना पड़ा.

इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने चेतावनी दी थी कि यदि ऐसी घटनाएं रोकने में सरकारें असफल रहती हैं तो ‘उपयुक्त जवाबी कदम उठाये जाएंगे.’ लोग विरोध इसलिए कर रहे थे कि उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति का शव उनके क्षेत्र में दफनाने से वहां भी संक्रमण फैल जाएगा. हालात ऐसे हो गए कि जिस एम्बुलेंस में 55 वर्षीय न्यूरोसर्जन का शव कब्रिस्तान तक लाया गया था भीड़ ने उसके कांच तोड़ दिए और ताबूत तक को नहीं बख्शा. एक 56 वर्षीय डॉक्‍टर ने कोरोना वायरस से संक्रमित होकर दम तोड़ दिया था.

इंदौर में डॉक्‍टर की कोरोना वायरस से मौत
इस महीने की शुरुआत में इंदौर में एक 62 वर्षीय चिकित्साकर्मी की कोरोनो वायरस से मौत हो गई थी. इंदौर के चिकित्सक की मृत्यु राज्य में वायरस वायरस को लेकर ऐसी पहली घटना थी. हालांकि उस दौरान स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि मरने वाले डॉक्‍टर की ड्यूटी कोरोना रोगियों के इलाज में नहीं लगी थी. शायद वे किसी मरीज से संक्रमित हुए थे.

मुंबई के एक और पुलिस कर्मी की कोरोना से मौत
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सोमवार को मुंबई में एक और पुलिसकर्मी की मौत हो गई. 56 साल के हेड कांस्टेबल शिवाजी सोनवणे की कोरोना से मौत हो गई. हेड कांस्टेबल शिवाजी कुर्ला ट्रैफिक डिविजन से जुड़े थे. मुंबई पुलिस विभाग में कोरोना वायरस से अब तक तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है.

वहीं रविवार को मुंबई पुलिस के 52 वर्षीय एक हेड कांस्टेबल की कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मौत हो गई थी. मुंबई पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि पीड़ित कई दिन से इस संक्रमण से जूझ रहे थे. महाराष्ट्र में संक्रमण के कारण किसी पुलिसकर्मी की मौत का यह तीसरा मामला है. इससे पहले, शनिवार को 57 वर्षीय कांस्टेबल की संक्रमण के कारण एक निजी अस्पताल में मौत हुई थी. कांस्टेबल पश्चिमी उपनगर के एक थाने से संबद्ध थे. वह दक्षिण मुंबई के वर्ली नाका इलाके में रहते थे.

MP में तीन पुलिसकर्मी की कोरोना से मौत
मिली जानकारी के अनुसार, मध्‍य प्रदेश में कम से कम तीन पुलिसकर्मियों की कोरोना वायरस से मौत हो गई है.

गुजरात में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता बदरुद्दीन शेख की कोरोना वायरस से मौत
गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बदरुद्दीन शेख की कोरोना वायरस से मौत हो गई है. रविवार देर रात एसवीपी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली. पार्टी नेता शक्ति सिंह गोहिल ने इसकी जानकारी दी.

गोहिल ने ट्वीट कर बताया, ‘मैं बदरुद्दीन शेख को 40 साल से जानता था, तब वे यूथ कांग्रेस में हुआ करते थे. आजकल वे गरीबों के कल्याण के कार्यों में जुटे हुए थे. शेख अहमदाबाद के दाणीलीमडा इलाके से पार्षद थे.’ इस इलाके में काफी संख्या में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. यह इलाका अहमदाबाद का हॉट स्पॉट इलाका है.

SOURCE: NEWS18

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