भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और जन नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया जा रहा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कदमकुआं स्थित उनके आवास महिला चरखा समिति पहुंचे. जहां उन्होंने जयप्रकाश नारायण के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी और नमन किया. इस दौरान उन्होंने चरखा समिति को सौगात भी दी है.
चरखा समिति का बजट बढ़ाया
राज्य के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार जेपी के शिष्य भी रहे हैं. ऐसे में सीएम नीतीश कुमार खुद कदमकुआं चरखा समिति पहुंचे थे. चरखा समिति ही वह जगह है जहां जेपी ने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा बिताया था और यहीं उन्होंने आखिरी सांस ली थी. यहां पहुंचकर नीतीश कुमार ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
बाद में उन्होंने बिल्डिंग का मुआयना भी किया. बिल्डिंग की दीवार को देखकर नीतीश कुमार थोड़े नाराज हुए. उन्होंने फौरन चरखा समिति का बजट 5 से 7 करोड़ करने का आदेश दिया. चरखा समिति परिसर में ही उद्योग विभाग नई इमारत बना रहा है. इस इमारत में लघु उद्योगों में बनने वाले उत्पादों को जगह मिलेगी. चरखा समिति की सचिव मृदुला के मुताबिक, यहां हर साल सियासी हस्तियां आती हैं. यहां तक कि चुनाव शुरू होने से पहले भी लोग आते रहते हैं.
8 अक्टूबर को ली थी आखिरी सांस
जयप्रकाश नारायण जब तक जीवित रहे उनसे मिलने के लिए देश विदेश के बड़े नेता और हस्तियां आते रहे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई,समाजवादी नेता जेपी कृपलानी भी जयप्रकाश नारायण से मिलने पहुंचे थे.
8 अक्टूबर,1979 की सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली थीं. उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे. खुद तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे. जयप्रकाश नारायण वो शख्सियत थे जिनकी अपील ने पूरे भारत के युवाओं को सड़कों पर ला दिया था.संपूर्ण क्रांति के एक नारे से भारत में सत्ता बदल गई थी.
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