पटना: अमित शाह ने मिशन की शुरुआत करने के लिए सीमांचल को चुना है. इससे महागठबंधन बेचैन है. अमित शाह के दौरे के कारण अभी से ही बिहार में सियासी हलचलें बढ़ गई हैं. महगठबंधन के नेता अमित शाह के दौरे काे बिहार में माहौल बिगाड़ने की साजिश भी बता रहे हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहले पूर्णिया में 23 सितंबर को सभा करेंगे और फिर 24 सितंबर को किशनगंज में जनसभा करेंगे. इसे लेकर लगातार जदयू की तरफ से ललन सिंह से कई बयान देकर माहौल बिगाड़ने की साजिश बतायी. वहीं बुधवार काे उपेंद्र कुशवाहा ने अमित शाह के दाैरे काे लेकर बड़ा बयान दिया है. उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि समाज में तनाव पैदा कर राजनीतिक रोटी सेकना इनका मकसद है.
समाज में तनाव का वातावरण बनाना इनका मकसदः
अमित शाह अपने दौरे में मंदिर में पूजा अर्चना भी करेंगे. इसको लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी के लोग मंदिर में पूजा करने तो जाते नहीं है. उनका मकसद होता है ऐसा मैसेज देना कि समाज में तनाव हो. समाज में तनाव पैदा कर राजनीतिक रोटी सेंकना इनका मकसद हाेता है जाे ठीक नहीं है. पूर्णिया या किशनगंज में जब पूजा करने जाएंगे तो एकमात्र मकसद यही होगा, क्योंकि सीमांचल में अल्पसंख्यक की बहुलता है. इनका एकमात्र मकसद समाज में इस तरह का काम करो कि तनाव का वातावरण हो.
सांप्रदायिक माहौल काे लेकर बीजेपी का घेरने की कोशिशः
मुख्यमंत्री ने भी पहले बयान दिया था सीमांचल में अमित शाह किस मकसद से दौरा करने आ रहे हैं सबको पता है. उसके बाद लगातार पार्टी के नेता बयान दे रहे हैं. यही नहीं जदयू ने अमित शाह के दौरे के बाद 27 सितंबर को पूरे बिहार में कार्यक्रम करने का भी फैसला लिया है जिसमें बीजेपी पर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का आरोप लगाकर घेरने की कोशिश की जाएगी.
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