मुजफ्फरपुर के पहले फोरलेन गोशाला रोड समेत तीन बड़े रोड-नाला प्रोजेक्ट में अतिक्रमण पर बुलडोजर चलने का इंतजार है। इससे काम बाधित हो गया है। बुलडोजर से अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो अधूरा नाला इस बरसात में जा’नलेवा साबित होगा। इसकी आशंका जाहिर करते हुए आरसीडी के कार्यपालक ने एसडीओ पूर्वी को पत्र लिखा है।
गोशाला रोड के अलावा मिठनपुरा-पानी टंकी रोड और कंपनीबाग-जूरन छपरा रोड में भी अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने के इंतजार में निर्माण अधूरा रह गया है। अवै’ध क’ब्जा हटाने के लिए कई बार प्रशासनिक स्तर पर तिथि तय हुई, लेकिन अतिक्रमण स्थल पर से क’ब्जा हटाने में हंगा’मे की आशंका के मद्देनजर कार्रवाई रोक दी गई है।
आरसीडी के कार्यपालक अभियंता ने एसडीओ पूर्वी को भेजे पत्र में कहा है कि लेप्रोसी मिशन चौक से बाबनबीघा व गोशाला चौक होकर हाथी चौक तक फोरलेन रोड बनेगा। डिवाइडर के बीच में दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी सड़क बननी है। इसके बाद पेवर ब्लॉक का पाथ होगा फिर एक मीटर चौड़ा नाला बनना है। हाथी चौक से अमर सिनेमा रोड, कल्याणी, जहवाहरलाल रोड होकर सरैयागंज तक यह सड़क बननी है।
रोड की लंबाई 4.5 किमी. है। इसमें हाथी चौक से गोशाला होकर लेप्रोसी मिशन चौक तक तीन जगहों पर 50-50 मीटर की लंबाई में रोड की सरकारी जमीन पर स्थानीय लोगों ने कब्जा कर रखा है। क’ब्जा के कारण रोड व नाला का निर्माण अधूरा रह गया। नाला 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है।
15 प्रतिशत काम क’ब्जा हट’ने के बाद पूरा हो पायेगा। अधूरे नाले की कनेक्टिविटी आउटलेट से नहीं हो पायेगी, इससे बरसात में निर्बाध रूप से पानी की निकासी मुश्किल है। इससे इलाके में भीषण जलजमाव की आशंका है। इस अधूरे प्रोजेक्ट पर जलजमाव होने से जानमाल के नुकसान की आशंका बनी रहेगी। इधर, कंपनीबाग रोड में नगर आयुक्त के आदेश के बाद कई बार कब्जा हटाने के लिए टीम गठित कर तिथि तय की गई। लेकिन, प्रशासनिक टीम स्थल पर पहुंचकर बैरंग लौट गई।
आरसीडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मिठनपुरा-पानी टंकी रोड में भी कब्जा खाली कराना बाकी है। कई बार अतिक्रमण हटाने के लिए टीम गठित की गई, लेकिन कब्जा नहीं हटाया जा सका। इसके कारण ये रोड भी पूरी तरह से नहीं बन पाया है। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि अतिक्रमण खाली हो जाए तो यह रोड शहर का दूसरा फोरलेन होगा।
कंपनीबाग रोड में नगर आयुक्त के आदेश के बाद कई बार कब्जा हटाने के लिए टीम गठित कर तिथि तय की गई। लेकिन, प्रशासनिक टीम स्थल पर पहुंचकर बैरंग लौट गई। नाला का निर्माण यहां अधूरा रह गया है।
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