बिहार का सीवान जिला कोरोना को लेकर चर्चा में बना हुआ है। जिला अब कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है और अबतक सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज इसी जिले से मिले हैं। बिहार में जहां पॉजिटिव मामलों की संख्या 51 हो गई वहीं इसमें सिर्फ सीवान जिले के 20 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव मिली है। इसमें से चार मरीज ठीक होकर घर भी चले गए हैं। आखिर क्या वजह है कि इस एक जिले में ही कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। तो इसका जवाब ये हो सकता है कि जांच में हुई देरी और लोगों के बीच जागरूकता की कमी, ये दोनों ही जिम्मेदार हैं।
गुरुवार की सुबह 9 से 11 बजे के बीच कोरोना के कुल 12 पॉजिटिव केस मिले जिसमें से सिर्फ 10 सिवान जिले के ही हैंं और दो लोग बेगूसराय जिले के हैं। सीवान के एक ही परिवार के नौ लोगों में कोरोना के पॉजिटिव केस पाए गए हैं। इस परिवार का एक सदस्य 22 मार्च को दुबई से लौटा था और दो अप्रैल को इसकी जांच का सैंपल लिया गया और तीन अप्रैल को इसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। तबतक यह अपने परिवार के नौ लोगों को कोरोना का प्रसाद बांट चुका था।
बिहार के कोरोना प्रभावित जिलों में सीवान जिला हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां मरीजों की संख्या 20 तक पहुंच गई है वहीं चार मरीज ठीक भी हुए हैं। इतनी संख्या में कोरोना के ताजा मामले आने के बाद सीवान जिले को हाई अलर्ट कर दिया गया है। सिवान में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होने के बाद आज सिवान-गोपालगंज बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है।
सीवान के साथ ही नवादा, गोपालगंज, बेगूसराय, पटना समेत अन्य जिलों में भी कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है।
आज के कोरोना जांच के सैंपल्स की आई रिपोर्ट में ज्यादातर पॉजिटिव मामले सीवान जिले के रघुनाथपुर के उसी गांव के मिले हैं जहां का एक युवक 22 मार्च को दुबई से लौटा था और उसे होम क्वारेंटाइन किया गया था। लेकिन उसकी लापरवाही की वजह से पहले सैम्पल जांच में इस व्यक्ति के चार परिजन जिसमें चारों महिलाएं थीं उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी।
दूसरे सैंपल की रिपोर्ट में इसी परिवार की तीन अन्य महिलाएं जिनकी आयु 50 वर्ष 12 वर्ष और 20 वर्ष है उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। साथ ही दो पुरुष जिनकी आयु 30 वर्ष 10 वर्ष है इनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है।
जिलाधिकारी अमित पांडेय ने बताया कि रघुनाथपुर के 96 लोगों का ब्लड सैंपल पटना भेज दिया गया है, उनकी रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा, कि यह मैन टू मैन है या नहीं। पटना से गांव में छिड़काव के लिए स्पेशल टीम बुलाई गई है।
हुई बड़ी लापरवाही, एक युवक ने बांट दिया कोरोना प्रसाद
दुबई से सीवान लौटे युवक को होम कोरेण्टाइन की मुहर लगाई गई थी, जिसके बाद उसे उसके बथान में प्रशासन ने होम क्वारेंटाइन के लिए रखवा दिया था। मगर उसकी नियमित निगरानी में लापरवाही बरती गयी। उसने भी अपनी स्थिति के बारे में आसपास कर लोगों को सही जानकारी नहीं दी।
वह युवक लोगों से मिलता जुलता रहा, क्रिकेट खेलता रहा। सरकार ने भी उसका टेस्ट कराने में लापरवाही बरती। फिर जब विदेश से लौटे लोगों की जांच शुरू हुई तो उसका भी सैंपल लिया गया। 3 अप्रैल को टेस्ट के बाद वह पॉजिटिव पाया गया। इस तरह से समझिये तो 14 दिन बाद उसका टेस्ट हुआ। 14 दिन वह खुलेआम लोगों को संक्रमित करता रहा। खासकर उसने पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया है।
अब उस युवक की गलती और सरकारी लापरवाही का खामियाजा रघुनाथपुर का वह पूरा गांव भुगत रहा है। पूरे गांव के 96ब लोगों की पहली सूची बनी है, अब सबका टेस्ट होगा। उसके वार्ड नम्बर 6 को पूरी तरह सील करके हर घर में होम कोरेण्टाइन का पर्चा चिपकाया गया है। गांव तो सील हो ही गया है।
इस लापरवाही से सीवान जिले को दो सबक मिले हैं। होम कोरेण्टाइन का यहां बहुत फुल प्रूफ सिस्टम नहीं है। तो दूसरा कि टेस्ट में देरी घातक साबित हो रही है। कोरोना एेसा वायरस है जिससे बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जा रहा है और एक पॉजिटिव कई लोगों को बीमारी का प्रसाद बांट सकता है।
बिहार में 12 नए मामले, संक्रमितों की संख्या 51 हुई
बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि राज्य में आज 12 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इनमें सिवान में एक परिवार के 10 लोग शामिल हैं। इसी के साथ राज्य में अब संक्रमित मामलों की कुल संख्या 51 हो गई है।
source: Jagran
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