Press "Enter" to skip to content

बिहार: मजदूर कार्यस्थल पर बच्चों के लिए बनाया जाएगा मौसमी छात्रावास, जानें योजना

बिहार: मुजफ्फरपुर में एक सर्वे में सामने आया हैं की करीब 3530 बच्चे ऐसे हैं जो मजदूरी करने वाले माता-पिता के साथ कार्यस्थल पर उनके साथ जाते हैं। जिस कारण उनकी पढ़ाई-लिखाई हो पाना संभव नहीं हैं।सरकार ने इस मामले पर एक अच्छी पहल कि हैं,और यह योजना बनाई हैं कि बच्चों के माता-पिता जहां काम करते हैं वहीं मौसमी छात्रावास बनाया जाए।

मनरेगा में 90 दिन का काम पूरा करने वाले श्रमिकों को निर्माण श्रमिक कार्ड  जारी किये जायें : गहलोत - Mukhpatra

जिसमें 6 से 14 साल के बच्चों के गृहवार कराए गए सर्वे के बाद सरकार ने इनका आंकड़ा जारी करते हुए यह निर्देश दिया है। ऐसे बच्चों की पढ़ाई किसी भी हालत में नहीं रुकनी चाहिए।  इसे लेकर यह पहल कर योजना बनाई गई है।

सर्वे के अनुसार, ये बच्चे दिसम्बर में भी अपने परिवार के साथ विभिन्न कार्यस्थल जैसे ईंट भट्ठा, खेतों आदि के पास रहने चले जाते हैं। इन बच्चों को वहीं पर स्कूल में पढ़ाने के साथ मौसमी छात्रावास की व्यवस्था कि जाएगी। जानकारी के अनुसार, मौसमी छात्रावास के लिए 16 करोड़ से अधिक की राशि सूबे को दी गई है। सबसे अधिक पूर्वी चंपारण में 10 हजार आठ बच्चे ऐसे चिह्नित किए गए हैं। बिहार शिक्षा परियोजना निर्देशक श्रीकांत शास्त्री ने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिले के डीईओ को इस संबंध में निर्देश दिया है। बिहार शिक्षा परियोजना निर्देशक श्रीकांत शास्त्री ने निर्देश दिया है कि ऐसी स्थिति में इन बच्चों को उनके अभिभावक के कार्यस्थल के आसपास के स्कूल में उसी कक्षा में नामांकित किया जाएगा जिस कक्षा में वे पलायन के पूर्व पढ़ रहे थे। इसके साथ ही 6-14 साल के वैसे बच्चे जो अनामांकित या छीजित हैं, उन्हें नजदीक के स्कूल में नामांकित कराते हुए विशेष प्रशिक्षण गैर आवासीय यानि मौसमी छात्रावास की व्यवस्था करेंगे।

Share This Article

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *