ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और इमारत-ए-शरिया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली रहमानी के अंतिम दीदार को मुंगेर में उनके चाहने वाले अकीदतमंद उमड़ पड़े. लोगों में न कोरोना का भया था और न तेज पर रही धूप की चिंता. उनके चाहने वालों की जुबान पर बस उनके लिए दुआ ही दुआ थी. लोग दुआओं में एक ही बात कह रहे थे- ‘परवरदिगार आपको जन्नत में आला मक़ाम दें. अल्लाह ताला हजरत को जन्नत में मकाम अता करें.’
बता दें कि मौलाना हजरत वली रहमान का शनिवार को पटना के पारस अस्पताल में इंतकाल हो गया था. इसके बाद उनका पार्थिव शरीर मुंगेर ले जाया गया. वली रहमानी का मुंगेर में पैतृक घर है. उनके अंतिम दर्शन को आज सुबह से खानकाह की ओर लोगों का हुजूम उमड़ने लगा था. कोसी, सीमांचल, मिथिलांचल के जिलों से सैकड़ों गाड़ियां रात में ही पहुंच गई थीं. इतना ही नहीं, नौका से ही खगड़िया, बेगूसराय समेत अन्य जिलों से लोग पहुंच रहे थे.
इतनी भीड़ हो गई कि खानकाह रहमानी में लंबी लाइन लग गई. इसके बाद भी कई लोग उनका दीदार नहीं कर पा रहे थे. वे नम आंखों से दुआएं कर रहे थे. लोग एक-दूसरे से कहते नजर आ रहे थे कि रहमानी साहब अपनी तकरीर में हमेशा लोगों की सेवा करने की नसीहत देते थे. जरूरतमंद को भोजन और प्यासे को जल पिलाने को वे बड़ा धर्म का काम बताते थे. कहते थे कि लोगों की सेवा सभी को करनी चाहिए. तेज धूप और उमड़ते हुए लोगों को देखते हुए खानकाह रहमानी पथ पर युवा शरबत व फलों से सेवा कर रहे थे. सेवा करने में बच्चे, युवा से लेकर बुजुर्ग तक जुटे हुए थे. हालांकि, सुरक्षा को लेकर पुलिस की जिला प्रशासन की ओर से तैनाती की गई थी.
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