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संविधान दिवस पर रामदयालु सिंह महाविद्यालय में “संविधान की महत्ता” पर हुई चर्चा

मुजफ्फरपुर के रामदयालु सिंह महाविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में संविधान दिवस के अवसर पर “संविधान की महत्ता” पर परिचर्चा आयोजित की गई। जहां छात्रों को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ एमएन रजवी ने कहा कि 26 नवंबर के दिन ही भारतीय संविधान को अपनाया गया था।

सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा लोगों को संवैधानिक मूल्यों की जानकारी देने के लिए 26 नवंबर को ही संविधान दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि डॉ बी आर अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य वास्तुकार माना जाता है।  संविधान देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को ध्यान में रखते हुए देश का मार्गदर्शन और शासन करने के लिए एक व्यापक और गतिशील ढांचा प्रदान करता है। डॉ ललित किशोर ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्य के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है।

प्राचार्य डॉ अनिता सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान में हमारे मौलिक अधिकार और मौलिक दायित्व भी दिए गए हैं। हमें पूर्ण जिम्मेदारी, ईमानदारी और मेहनत से अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। वहीं छात्र-छात्राओं में शिम्पी, सलोनी, अनीशा, बेबी, नंदिनी, गौतम, अनिकेत, अनुपम आदि ने भी अपने विचार रखे। मौके पर इतिहास विभाग के डॉ अजमत अली, डॉ अनुपम कुमार, डॉ ललित किशोर, डॉ मनीष कुमार शर्मा ने भी संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर इतिहास विभाग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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