पटना: देश में कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनाव की घोषणा होने वाली है। इसे लेकर सभी दल अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हैं. बिहार में एनडीए ने प्रदेश की 40 में से 40 सीटें जीतने को लेकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा की नजर इस चुनाव में पिछड़ों और अति पिछड़े समाज पर है जो अब तक राजद का वोट बैंक माने जाते हैं।
भाजपा ने इसके लिए ओबीसी मोर्चा को इसकी जिम्मेदारी दी है. भाजपा ओबीसी मोर्चा मोदी सरकार के 10 वर्षों में पिछड़ों और अति पिछड़ों के कल्याण को लेकर किए गए कार्यों का लेखा जोखा लेकर प्रदेश के गांवों से लेकर शहरों तक पहुंच रहा है। ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने बताया कि प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में अधिक से अधिक बैठक, नुक्कड़ सभा, सम्मेलन आयोजित कर लोगों को सरकार द्वारा पिछड़ों और अति पिछड़ों के कल्याण को लेकर कराए गए कार्यों की जानकारी दी जा रही है।
भाजपा के एक नेता बताते हैं कि पार्टी इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने, 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति प्रतिमाह पांच किलो अनाज निशुल्क बांटने, 12 करोड़ गरीबों के घरों में शौचालयों का निर्माण कराने और चार करोड़ गरीबों को पक्का घर देने को लेकर लोगों के बीच पहुंच रहे हैं।
प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 20 से 25 तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में तीन से चार सम्मेलन, बैठक, छोटी सभा करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान भाजपा के निशाने पर कांग्रेस के अलावा राजद भी रहेगी. निखिल आनंद ने कहा कि इस दौरान परिवारवाद को लेकर भी पिछड़ों को लेकर लोगों को बताया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार के पालीगंज में सम्मेलन आयोजित कर इसकी शुरुआत की गई है, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए थे।
भाजपा के एमएलसी नवल किशोर यादव ने भी कहा कि पिछड़े और अति पिछड़ा समाज किसी पार्टी का बंधुआ नहीं है. उन्होंने कहा कि इन दोनों समाज के लोग अब गफलत में रहने वाले नहीं हैं, उन्हें अब पता चल गया है कि उनकी हितैषी कौन पार्टी है।
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