मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को गुरु प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। यह नवंबर महीने का आखिरी प्रदोष व्रत भी होगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करने से जीवन में आर्थिक खुशहाली आती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से पापों से मुक्ति मिलती है और बरकत आती है।
त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर 2024 को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर प्रारंभ होगी और त्रयोदशी का समापन 29 नवंबर 2024 को सुबह 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। उदयातिथि मान्य होने के कारण गुरु प्रदोष व्रत 28 नवंबर 2024 को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत पूजा मुहू्र्त शाम 05 बजकर 23 मिनट से रात 08 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। इस दौरान प्रदोष काल रहेगा। भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस अवधि में पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
गुरु प्रदोष व्रत शुभ चौघड़िया मुहूर्त-
- शुभ – उत्तम: 06:53 ए एम से 08:12 ए एम
- लाभ – उन्नति: 12:08 पी एम से 01:27 पी एम
- अमृत – सर्वोत्तम: 01:27 पी एम से 02:46 पी एम
- शुभ – उत्तम: 04:04 पी एम से 05:23 पी एम
- अमृत – सर्वोत्तम: 05:23 पी एम से 07:04 पी एम
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत रखने से यश, सुख-समृद्धि व सफलता की प्राप्ति होती है। व्यक्ति के भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत की महत्ता अधिक है क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसे में इस दिन भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी मिलता हैं।
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