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माइक्रोफाइनेंस की मनमानी और महिलाओं की कर्ज़ मुक्ति के लिए होगी बड़ी लड़ाई – मीना तिवारी

मुशहरी: स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाओं को रोजगार और बिना सूद कर्ज देने, पुराने कर्ज माफी के लिए, जीविका कैडर को सरकारी मानदेय देने के लिए और माइक्रोफाइनेंस कंपनियों की मनमानी पर रोक के लिए 28 नवंबर को विधानसभा के समक्ष महिलाओं का होगा विशाल प्रदर्शन।

मुसहरी प्रखंड के गंगापुर गांव में सैकड़ों महिलाओं की उपस्थिति में ऐपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि स्वयं सहायता समूह बना कर माइक्रोफाइनेंस कंपनी के द्वारा ग्रामीण महिलाओं को कर्ज देकर जबरन पैसा वसूली, यातना तथा तरह-तरह से प्रताड़ना देने के खिलाफ पूरे बिहार में लडा़ई तेज होगी। इन कंपनियों और सरकार के खिलाफ महिलाओं में भारी आक्रोश है। स्कीम वर्कर,जीविका, आशाकर्मी , विद्यालय रसोइया सहित कामकाजी महिलाओं का राज्य व केन्द्र सरकार की नीतियों के कारण भारी शोषण- उत्पीड़न जारी है। महिला संगठन ऐपवा के नेतृत्व में हजारों महिलाएं विधानसभा के समक्ष विशाल प्रदर्शन में भाग लेगी।

मीना तिवारी ने माइक्रोफाइनेंस कंपनी द्वारा मनमानी सुद वसूली पर रोक लगाने ,माइक्रोफाइनेंस कंपनियों पर से निर्भरता खत्म करने, सरकारी समूह से महिलाओं को जरूरत के मुताबिक लोन देने की मांग सरकार से की जायेगी। साथ ही झारखंड की तरह बिहार में भी सभी महिलाओं को ₹3000 मासिक पेंशन देने की भी मांग बिहार सरकार से की जायेगी। उन्होंने महिलाओं पर जारी अत्याचार, बलात्कार की घटनाओं तथा पर रोक लगाने पर जोर दिया। बैठक को ऐपवा जिला सचिव रानी प्रसाद, रसोइया संघ ऐक्टू के जिला सचिव परशुराम पाठक, मजदूर नेता शत्रुघ्न सहनी, माले मुशहरी प्रखंड सचिव विमलेश मिश्र सहित कोमल देवी, बच्ची देवी, उषा देवी, राजकुमारी देवी, इंदु देवी, चंद्रकला देवी, रसीदा खातून, गीता देवी ने सम्बोधित किया।

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