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बज्जिका दिवस के रूप में मनाई गई महाकवि अवधेश्वर अरुण की जयंती

मुजफ्फरपुर: बज्जिका रामायण के रचयिता महाकवि अवधेश्वर अरुण का जन्मदिन बज्जिका दिवस के रूप में मनाया गया I इस मौके पर बज्जिका भाषा और संस्कृति के उन्नयन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए बज्जिका के पांच कवि रचनाकारों को महाकवि अवधेश्वर अरुण सम्मान से सम्मानित किया गया।

समारोह का आरंभ महाकवि अवधेश्वर अरुण के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया I दीप प्रज्ज्वलित कर बज्जिका दिवस-सह-सम्मान समारोह का उद्घाटन करते हुए ललित नारायण तिरहुत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अभय कुमार सिंह ने बज्जिका रामायण को कालजयी कृति बताते हुए कहा कि बज्जिका और हिंदी में उन्होंने अनेकों पुस्तकों की रचना की। अपने साहित्य सृजन के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर संजय पंकज ने कहा कि उनके साहित्य साधना से उनका निवास एक साहित्यिक तीर्थ स्थल में परिणत हो गया है I जहां पर साहित्यकारो रचनाकारों को नई अनुभूति नई ऊर्जा मिलती है I बज्जिका के कवि साहित्यकार दामोदर कमालपुरी ने महाकवि अवधेश्वर अरुण पर केंद्रित एक कविता का पाठ किया।

बज्जिका के प्रसिद्ध रचनाकार ब्रह्मदेव कार्जी ने कहा कि उनका कृतित्व ही नहीं उनका व्यक्तित्व भी विराट था I साहित्यकारों के प्रति उनके मन में गहरा स्नेह था तथा वे उन्हें लगातार लेखन के लिए प्रेरित करते रहते थे। समारोह में बज्जिका भाषा और साहित्य लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कवि साहित्यकार उदय नारायण सिंह (सीतामढ़ी), ओंकार प्रसाद सिंह (महासचिव, बिहार राज्य बज्जिका परिषद, दरभंगा), कवि गीतकार राम किशोर सिंह चकवा (सीतामढ़ी), कवि शंभू शरण मिश्र (वैशाली) तथा युवा कवयित्री हेमा सिंह (शिवहर) को महाकवि अवधेश्वर अरुण सम्मान से सम्मानित किया गया। इस मौके पर उन्हें अंगवस्त्र, मेमेंटो एवं सम्मान पत्र भेंट किया गया।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए विख्यात आलोचक डॉ रामप्रवेश सिंह ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि वे जीतने बड़े साहित्यकार थे उनका व्यक्तित्व उतना ही सहज और सरल था। समारोह का संचालन डॉ. यशवंत कुमार सिंह ने किया, स्वागत भाषण करते हुए डॉ. रणवीर कुमार राजन ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए महाकवि अवधेश्वर अरुण सम्मान के 24 वर्षों की यात्रा का वर्णन किया।

धन्यवाद ज्ञापन कुमार आदित्य ने किया और बज्जिका साहित्य को समृद्ध बनाने हेतु वेबसाइट की कार्यप्रणाली को समझाया और बज्जिका ई-लाइब्रेरी की जानकारी प्रदान की।

इस अवसर पर डॉ. धनंजय कुमार सिंह, हंस कुमार, राजीव कुमार सिंह, मंगलेश कुमार, प्रेम भूषण, शिव शंकर पंडित, राजेश कुमार, विवेक वैभव, राधिका सिंह, वीना अरुण, कामिनी कुमारी, स्नेहा आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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