पटना: कोरोना के बाद डिजिटल लेन-देन बिहार में तेजी से बढ़ा है। राज्य की अनुमानित आबादी 12.92 करोड़ है। 12.53 प्रतिशत आबादी मोबाइल बैंकिंग और 11.84 प्रतिशत आबादी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग अपने रोजमर्रा के लेन-देन के लिए कर रही है। हालिया राज्य स्तरीय बैंकिंग कमिटी (एसएलबीसी) की रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या 1.63 करोड़ और इंटरनेट बैंकिंग उपयोगकर्ताओं की संख्या राज्य में 1.53 करोड़ हो गई है।
वर्ष 2021 की तुलना में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में 162 प्रतिशत और इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में 110 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2021 में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या 62 लाख थी और इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ता की संख्या 73 लाख पाई गई।
प्रदेश में पॉश मशीन के उपयोग में भी तेज बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2021 की तुलना में मार्च 2024 में पॉश मशीनों के उपयोग में 42.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मार्च 2021 में बिहार में 58 हजार 331 पॉश मशीनें कारोबारियों के लिए जारी की गई थीं। जो मार्च 2024 में बढ़कर 82 हजार 907 हो गई। वहीं जनवरी 2020 में पॉश मशीनों की संख्या प्रदेश में 51 हजार सात थी।
वर्ष 2019 से 2021 के बीच राज्य में मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में केवल 30-31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। मतलब कोरोना काल के दौरान (2019-21) जितने उपभोक्ता मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े, उसके बाद के तीन वर्षों(2021-24) में उससे लगभग तीन से साढ़े तीन गुना ज्यादा बिहारवासियों ने डिजिटल लेन-देन के माध्यम को अपनाया। 31 दिसंबर 2019 में मोबाइल बैंकिंग उपयोगकर्ताओं की संख्या राज्य में 47.47 लाख थी, जो मार्च 2021 में बढ़कर 62 लाख हुई। इस अवधि में नेट बैंकिंग करने वालों की संख्या 55 लाख 75 हजार 594 थी, जो मार्च 2021 में बढ़कर 73 हो गई।
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