पटना: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने पीएम नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में जदयू की भागीदारी और हिस्सेदारी समेत सारे फैसले लेने के लिए पार्टी के अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया है। लोकसभा चुनाव में 16 सीट लड़कर 12 सीट जीती जेडीयू ने मोदी के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए सरकार का समर्थन किया है। नीतीश की अध्यक्षता में पार्टी के संसदीय दल की शुक्रवार की सुबह दिल्ली में मीटिंग हुई जिसमें नीतीश को संसदीय दल का नेता चुनने के साथ-साथ बाकी फैसले करने का अधिकार सौंप दिया गया है।
चर्चा है कि जेडीयू सरकार में दो कैबिनेट और दो राज्यमंत्री का पद मांग रही है लेकिन फॉर्मूला 4 सांसद पर एक मंत्री का बन रहा है। इस फॉर्मूले पर जेडीयू को 12 सांसदों के हिसाब से दो कैबिनेट और एक राज्यमंत्री या एक कैबिनेट और दो राज्यमंत्री का पद मिल सकता है।
बिहार से भाजपा के भी 12 सांसद जीते हैं जो 17 सीट पर लड़ी थी। भाजपा बिहार से इस फॉर्मूले पर तीन मंत्री बना सकती है। हालांकि भाजपा बिहार से मंत्री बनाने में फॉर्मूला से बाहर भी जा सकती है क्योंकि अगले साल विधानसभा का चुनाव है। वैसे नीतीश कुमार चाहते हैं कि अगले छह महीने में ही बिहार में चुनाव करा लिया जाए जिससे एनडीए के पक्ष में बने माहौल का पूरा लाभ उठाया जा सके।
लोकसभा चुनाव 2019 में भी एनडीए में शामिल रही जेडीयू ने तब 16 सांसदों के दम पर दो मंत्री पद मांगे थे लेकिन एक ही पद मिलने पर नीतीश ने पार्टी के सरकार में शामिल होने से आखिरी समय पर मना कर दिया था। आगे आरसीपी सिंह जेडीयू अध्यक्ष के तौर पर एक मंत्री पद पर मान गए और खुद मंत्री बन गए जिसके बाद उनके और नीतीश के रिश्ते बिगड़ते हुए यहां तक पहुंचे कि आरसीपी सिंह जेडीयू छोड़कर भाजपा में जा चुके हैं।
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