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सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मची खलबली / रियायती जमीन लेने वाले कुछ निजी अस्पताल काेराेना के फ्री इलाज काे तैयार, कई ने कहा-गाइडलाइन आने के बाद फैसला लेंगे

हमने काेराेना का इलाज फ्री करने के संबंध में गुरुवार को कई बैठकें की हैं। शुक्रवार सुबह तक फैसला ले लेंगे। हमारे यहां नियमानुसार निशुल्क इलाज दिया जा रहा है। -डॉ. शुभा पठानिया,

सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले कहा था कि रियायती दराें पर जमीन लेने वाले निजी अस्पताल काेराेना मरीजाें का फ्री इलाज करें

कुछ निजी अस्पताल नि:शुल्क इलाज करने काे तैयार है तो कुछ का कहना है कि गाइडलाइन जारी हाेने के बाद जाे भी आदेश लागू हाेगा, उसे मानेंगे

जयपुर।अभी तक कोरोना के मरीज तक लेने तक से इनकार कर रहे प्राइवेट अस्पतालों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद खलबली मच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने एक दिन पहले कहा था कि रियायती दराें पर जमीन लेने वाले निजी अस्पताल काेराेना मरीजाें का फ्री इलाज करें। इस निर्देश के बाद गुरुवार काे अधिकांश निजी अस्पतालाें के संचालकाें ने बैठकें कीं। इस दाैरान कुछ निजी अस्पताल नि:शुल्क इलाज करने काे राजी दिखे ताे कुछ ने कहा कि इस संबंध में गाइडलाइन जारी हाेने के बाद जाे भी आदेश लागू हाेगा, उसे मानेंगे। राज्य सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है कि ऐसे अस्पतालों को किस तरह सूचीबद्ध कर कोविड के इलाज में काम में लिया जाए।

भगवान महावीर कैंसर अस्पताल: 24 अप्रैल 1993 में एक रु. टोकन मनी पर जमीन दी गई। वर्ष 1999 में धर्मशाला व अस्पताल भवन के लिए एक रु. में और जमीन दी गई। एस्कार्ट हार्ट एंड सुपर स्पेशलिटी प्रा. लि. (फोर्टिस हॉस्पिटल) : जेएलएन मार्ग पर जमीन एक रुपए टोकन मनी पर दी गई।

सोनी हॉस्पिटल, विद्याधर नगर: 6,11,11,111 रु. में जमीन दी गई, उस समय कीमत 50 करोड़ से भी अधिक थी। बाद में इसे बेच दिया गया। अब वहां मणिपाल हॉस्पिटल है। सस्ती दर की जमीन को बेचकर करोड़ों रु. कमा लिए गए, किसी भी मरीज को सस्ता इलाज नहीं मिला।

सस्ती जमीन लेकर कुछ ने महंगे दामों पर बेच दी, कुछ ने बिना ऑक्शन कॉमर्शियल करा ली

नारायणा हृदयालय, बगराना को 10 एकड़ जमीन डीएलसी दर की 40% पर दी गई।

बॉम्बे हॉस्पिटल, राजेन्द्रपुरा में 1800 रु. प्रति वर्ग मीटर पर जमीन, जबकि उस समय डीएलसी 3000 रु.प्रति वर्ग मीटर से अधिक थी। गाेपालपुरा में नेशनल इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज (सीके बिरला अस्पताल) को मात्र एक रु. टोकन मनी पर जमीन दी गई।

25% गरीबों का इलाज तो नियमानुसार फ्री करना चाहिए: नियम ताे ये भी हैं कि यदि किसी अस्पताल को टाेकन मनी और रियायती दर पर जमीन दी जाती है तो 10 से 25 प्रतिशत गरीब मरीजों का इलाज नि:शुल्क किया जाना जरूरी है, लेकिन ऐसा हाे नहीं रहा है।

अभी सबके अलग-अलग मत

हमने काेराेना का इलाज फ्री करने के संबंध में गुरुवार को कई बैठकें की हैं। शुक्रवार सुबह तक फैसला ले लेंगे। हमारे यहां नियमानुसार निशुल्क इलाज दिया जा रहा है। -डॉ. शुभा पठानिया,

सुप्रीडेंट भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल

हमारा अस्पताल इस कैटेगिरी में नहीं आता। हमने रियायती दरों पर जमीन नहीं ली है।
-डॉ. आर सी गुप्ता, सुप्रीडेंट, एमजीएच

अधिक जानकारी नहीं है। पता कर बता सकता हूं।

-डॉ. वर्जेश शाह, सुप्रीडेंट, ईएचसीसी

जो भी गाइडलाइन आएंगी, हमें उनके अनुसार इलाज करने में कोई परेशानी नहीं है।

-डॉ. स्वामी, अधीक्षक, फोर्टिस हॉस्पिटल।

 

 

 

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