पटना: बिहार बीजेपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और मीडिया प्रभारी राजीव रंजन ने शुक्रवार को पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल को दिए गए इस्तीफे में राजीव रंजन ने पार्टी पर कई गंभीर आ’रोप लगाए हैं।
अपने पत्र में राजीव रंजन ने कहा है कि बिहार में बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न, उनकी नीतियों और उनके आदर्शों को दरकिनार कर काम कर रही है। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के प्रधानमंत्री के नारे के खिलाफ बिहार भाजपा काम कर रही है। आज पार्टी में पिछड़े, अति पिछड़े और दलित समाज के विरुद्ध सोच रखने वाले लोग हावी हो गए हैं। राजीव रंजन ने यहां तक आरोप लगाया कि पार्टी में बैकवर्ड और दलित कम्युनिटी के नेताओं को झंडा ढोने तक सीमित कर दिया गया है ।
राजीव रंजन ने आरो’प लगाया कि भारतीय जनता पार्टी का एजेंडा राज्य की राजधानी पटना ही तक सीमित होकर रह गया है। अन्य कई मामले हैं जिनमें उनके विचार पार्टी की नीतियों से अलग हैं।
दरअसल राजीव रंजन पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपोर्ट में बयान दे रहे हैं। जह’रीली शरा’ब से म’रने वाले के परिवारों को मुआवजा देने के मुद्दे पर बीजेपी में रहते पार्टी के खिलाफ अपना स्टैंड दिखाया। सारण ज’हरीली शरा’ब कां’ड के मृ’तकों के परिवारों को मुआवजा नहीं देने की वकालत करते हुए कहा यह कोई नई बात नहीं है। दूसरे राज्य में भी जह’रीली शरा’ब से मौ’तें हो रही है। शरा’ब समाज के लिए बहुत बड़ी बुराई है।
दरअसल, राजीव रंजन ने कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। राजनीति के गलियारे में चर्चा है कि वह जदयू में जा रहे हैं । इस मामले में भारतीय जनता पार्टी ने बहुत सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि यह तो होना ही था। वह पहले जेडीयू में ही थे। यहां अच्छा महसूस नहीं करते रहे होंगे।
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