लॉकडाउन (Lockdown) में फंसे बिहार सरकार छात्रों-कामगारों को बिहार वापस लाने की शुरुआत कर चुकी है. करीब 10 लाख लोगों को अभी बिहार लाया जाना है. हालांकि बाहरी लोगों के बिहार की सीमा में प्रवेश के साथ ही कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में बिहार कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए एहतियात बरतने की तैयारी की जा रही है. बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय (Bihar Director General of Police Gupteshwar Pandey) ने कहा कि ऐसे मजदूर, छात्र एवं अन्य लोग तीन स्तर पर स्क्रीनिंग की प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही अपने-अपने घर पहुंच पाएंगे.
10 15 लाख लोग बाहर के राज्यों में फंसे हैं
डीजीपी ने पटना में प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि बिहार के करीब 10 से 15 लाख लोग हैं, जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. इनमें से एक तिहाई लोग भी अपने घर आने की इच्छा रखते होंगे तो इन लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. ऐसे में बड़ी संख्या में बाहर फंसे मजदूरों एवं छात्रों के बिहार आने पर कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है.
सभी के लिए त्रिस्तरीय स्क्रीनिंग की व्यवस्था
बिहार पुलिस प्रमुख ने कहा कि इन सभी की त्रिस्तरीय स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है. इसके तहत फंसे लोग जब दूसरे राज्यों से बिहार के लिए निकलेंगे तब उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी. इसके बाद उनके बिहार की सीमा पर पहंचने पर स्क्रीनिंग होगी. फिर न्हें उनके जिलों में भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि जिलों में भी फिर से जांच होगी और उसके बाद उन्हें प्रखंड स्तर पर बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा.
आपदा राहत केंद्रों में रहने-खाने की व्यवस्था
डीजीपी ने बताया कि बिहार की सीमा पर बनाए गए आपदा राहत केंद्रों में आने वाले लोगों के रहने, खाने और इलाज की व्यवस्था की गई है. बाहर से आने वाले लोगों के लिए सीमा पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि बिना स्क्रीनिंग एवं चिकित्सीय जांच के अपने घर नहीं जा सकेंगे. चौकीदारों को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई बिना स्क्रीनिंग के अपने गांव पहुंचता है तो वे इसकी सूचना अविलंब प्रशासन को दें.
जनप्रतिनिधि भी दें साथ
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने के काम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस काम में सभी राजनीतिक दलों के कार्यकतार्ओं को भी आगे बढ़कर मदद करनी चाहिए.
Source: news18
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