समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों की संख्या एक करोड़ 2 लाख है। इनमें दि’व्यांग पेंशनधारकों की संख्या 10.5 लाख है। जो कुल पेंशनधारकों का दस फीसदी से अधिक है।
ऐसे में, दिव्यां’गजनों के पेंशन पर भविष्य में विचार होगा, फिलहाल इस संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है। मंत्री मदन सहनी गुरुवार को विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद प्रो. संजय कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह, केदारनाथ पांडेय व संजीव श्याम सिंह के संयुक्त ध्यानाकर्षण के उत्तर में ये जानकारी दी।मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों की संख्या 2007 में मात्र नौ लाख थी। राज्य में 15 लाख दिव्यां’गजनों का प्रमाणीकरण किया गया है, शेष का किया जा रहा है। वहीं, इनमें एक लाख 78 हजार दि’व्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड जारी किया जा चुका है।
राज्य के 101 अनुमंडलों में बुनियाद केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। वहां दिव्यां’गजनों, बुजुर्गों एवं विधवा को फिजियोथेरेपी, नेत्र व अन्य जांच की सुविधाएं प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त चलंत वाहन के माध्यम से गांवों में जाकर फिजियोथेरेपी व अन्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है। मंत्री ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग के माध्यम से दिव्यांगजनों को 35 किलो अनाज भी दिया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से सरकारी नौकरियों में चार फीसदी आरक्षण व शिक्षण संस्थानों में नामांकन में 5 फीसदी आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। मंत्री के उत्तर के बाद प्रश्नकर्ताओं ने कहा कि सरकार दिव्यां’गजनों के लिए सराहनीय कार्य कर रही है पर हमारा अनुरोध महंगाई के युग में उनकी पेंशन में वृद्धि व सरकारी पदों पर दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाएं प्रदान करने को लेकर है।
Be First to Comment