पटना : केके पाठक के एसीएस रहते छुट्टी के लिए तरसने वाले बिहार के शिक्षकों की बल्ले-बल्ले हो गई है। शिक्षा विभाग ने एक साल के लिए छुट्टी का कैलेंडर जारी कर दिया है। अब बिहार के शिक्षकों को एक साल के भीतर 72 दिनों की छुट्टी मिलेगी। शिक्षा विभाग ने अब तीज और जीतिया से लेकर छठ तक में छुट्टियों की बरसात कर दी है। इस पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने प्रतिक्रियाएं दी है।
कई टीचर्स बिहार के बाहर के रहने वाले हैं तो कई दूर दराज गांव के रहने वाले हैं। इन शिक्षकों की डिमांड रहती थी कि इतनी छुट्टी नहीं है कि वो परिवार के साथ कही घूम पाये। पूर्व में दी गयी छुट्टियों में भी कटौती कर ली गयी है। शिक्षकों के इन सभी डिमांड को देखते हुए हम लोगों ने बैलेंस कैलेंडर तैयार किया है। जिसमें एक साल के भीतर 72 दिनों की छुट्टी शिक्षकों को मिलेगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने आगे कहा कि “मैं अभिभावक, टीचर, स्टूडेंट्स सभी के संपर्क में रहता हूं। जो भी शिक्षक स्कूल से लापता रहते हैं। स्कूल में तंग करते हैं। पठन-पाठन के कार्यक्रम में बाधा डालते हैं। उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी।” वही थंब इम्प्रेशन को लेकर बोले की सर्विस बुक के माध्यम से टीचर्स का पूरा रिकार्ड E शिक्षा कोष में रखी जायेगी। शिक्षकों का पूरा रिकॉर्ड E शिक्षा कोष में E सर्विस बुक के माध्यम से रखा जाएगा।
किसी का फर्जी टीचर रहने की शिकायत आने पर उसकी पूरी रिकॉर्ड को खंगाला जाएगा। उसका थंब इंप्रेशन मिलाया जाएगा कि किसने परीक्षा लिखी थी। कौन टीचर पढ़ा रहा था। एक बार शिक्षकों का रिकॉर्ड इस शिक्षा कोष में आ गया तो कभी भी जांच हो जाएगी। इसी डर से बहुत लोग काउंसलिंग में आए ही नहीं थे। अगर आपका रिकॉर्ड गलत पाया जाएगा तो आपके ऊपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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