आदि शक्ति मां दुर्गा को समर्पित पर्व नवरात्रि 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है, जो कि 12 अक्टूबर तक चलेगा। इस साल शारदीय नवरात्रि में हस्त नक्षत्र में मां दुर्गा का आगमन होगा। ज्योतिष शास्त्र में हस्त नक्षत्र को शुभ नक्षत्रों में से एक माना गया है। मान्यता है कि इस नक्षत्र में किए गए कार्यों का शुभ फल प्राप्त होता है। सवारी की बात करें तो मां दुर्गा डोली पर आएंगी और उनका प्रस्थान चरणायुध (मुर्गे) पर होगा। माता रानी के आगमन व प्रस्थान की सवारी शुभ नहीं मानी जा रही है।
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना की जाती है। इस साल कलश स्थापना 3 अक्टूबर को की जाएगी। पंडित के अनुसार, तीन अक्टूबर को पूरे दिन कलश स्थापना की जा सकेगी। लेकिन घटस्थापना का अमृत मुहूर्त सुबह 07 बजकर 16 मिनट से सुबह 08 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 12 मिनट से सुबह 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। इस दौरान कलश स्थापना अत्यंत फलदायक है। कलश स्थापना हमेशा ईशान कोण में करनी चाहिए।
माता के आगमन व प्रस्थान की सवारी का महत्व
गुरुवार के दिन नवरात्रि प्रारंभ होने के कारण मां दुर्गा के आगमन की सवारी डोली होगी, जो कि कष्टों या विनाश का कारक मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस साल मां दुर्गा का आगमन डोली पर होता है उस वर्ष देश में रोग, शोक व प्राकृतिक आपदा आती है। माता का प्रस्थान चरणायुध पर होगा, जो कि शुभ नहीं माना जाता है। यह तबाही का संकेत देता है।
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