एनसीईआरटी की 12वीं क्लास की किताब मार्केट में आ चुकी है। इस किताब में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिले हैं। सबसे बड़ा बदलाव अयोध्या विवाद के टॉपिक को लेकर हुआ है. किताब से बाबरी मस्जिद, रथयात्रा, कारसेवा और विध्वंस के बाद की हिंसा की जानकारी को हटा दिया गया है। ‘बाबरी मस्जिद’ को ‘विवादित ढांचा’ और ‘अयोध्या विवाद’ को ‘अयोध्या मुद्दा’ लिखने की बात सामने आई है. इस मामले पर अब राजनीति शुरू हो चुकी है और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
इस मामले पर राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि यह सरकार से यही उम्मीद है. पहले मोदी की सरकार थी अब एनडीए की सरकार है। राजद नेता ने कहा कि जो लोग भी अपने आप को कहते हैं कि हम समाजवादी पृष्ठभूमि से आए हैं, उन लोगों को मैं आग्रह कर देना चाहता हूं कि मोदी जी विध्वंसकारी योजना बना रहे हैं, इसलिए इसका विरोध निश्चित रूप से जमकर कीजिए. आप लोग सरकार में शामिल हैं. कांग्रेस पूर्व एमएलसी प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि यह गलत चीज है. एनसीईआरटी को अपनी किताबों में सावधानी बरतनी चाहिए और जो ऐतिहासिक तत्व है उसको नजर अंदाज करना गलत है. उन्होंने पूछा कि अयोध्या विवाद इतना लंबा रहा हैं अब आप क्या कहना चाहते हैं और इससे किसको लाभ होगा?
वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता है। बाबरी मस्जिद और भगवान राम के मंदिर पर न्यायालय के हस्तक्षेप से समाधान हुआ है. नई पीढ़ी के बच्चों को बताना अनावश्यक है कि भव्य राम का मंदिर भी बना और न्यायालय के फैसले के तहत यूपी सरकार को मस्जिद के लिए भी जमीन देनी पड़ी है। बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री नीरज बबलू ने कहा कि जो भी किया जा रहा है, वह जांच के आधार पर किया जा रहा है। इतिहास में गलत तरीके से बहुत कुछ लिखा हुआ है. अगर कहीं किसी मस्जिद का नाम नहीं है तो उसका नाम बाबरी मस्जिद कैसे हो गया. तीन गुंबद वाला ढांचा था और सही लिखा गया है. बाकी भी जहां गलती है उसे सुधारने का प्रयास किया जा रहा है. इतिहास में जो गलत चीज लोगों को पढ़ने के लिए मिल रहा है। उसमें संशोधन हो रहा है. यह देश के लिए अच्छा है।
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