पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री दंपति लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के नौ बच्चों को लेकर एक टिप्पणी ने बवाल का रूप ले लिया है। लालू-राबड़ी के बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि सीएम ये सब कहना नहीं चाहते, उनसे कहलवाया जा रहा है।
तेजस्वी ने भीमराव आबंडेकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर नीतीश तक के भाई-बहन की गिनती कराते हुए कहा कि चुनाव मुद्दों पर लड़ना चाहिए। तेजस्वी ने लिखा है- “नौकरी, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, गरीब, छात्र, नौजवान, किसान, संविधान, सबका कल्याण, उद्योग, विकास, निवेश, पलायन, युवाओं का उत्थान, महिलाओं का सशक्तिकरण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था. ये हमारे मुद्दे है। मुद्दों पर बात करो, मुद्दों पर।”
तेजस्वी ने सोमवार को चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पहले कहा, “नीतीश हमारे अभिभावक हैं, पिता तुल्य हैं, हमेशा से हम उनका सम्मान करते हैं। हम उनके बेटे के रूप में खड़े रहे हैं। वो नहीं बोलना चाहते हैं, वो नहीं बोल रहे हैं, उनसे कोई बोलवा रहा है। जो बोलवाने वाले लोग हैं, उनका जिक्र हम जब किताब लिखेंगे, तब करेंगे।”
तेजस्वी ने कहा कि सीएम से इस तरह की बात करवाने वालों को बता दें कि बाबा साहब आंबेडकर खुद 14 भाई-बहन थे, बाबा साहब अपने माता पिता की 14वीं संतान थे। नेताजी सुभाष चंद बोस 8वें भाई थे। सीएम नीतीश कुमार पांच भाई-बहन हैं। अटल बिहारी बाजपेयी भी 7 भाई-बहन हैं। पीएम नरेंद्र मोदी 6 भाई-बहन हैं। नीतीश ने पिछले हफ्ते एक चुनावी सभा में आरजेडी में लालू-राबड़ी के परिवारवाद पर कहा था कि एतना बच्चा कोई पैदा करता है। लालू जब खुद कुर्सी से हटे तो बीवी को बिठा दिया। फिर बच्चा को ले आए।
नीतीश जब से महागठबंधन को छोड़कर एनडीए में लौटे हैं तब से लालू यादव, तेजस्वी यादव और आरजेडी के दूसरे नेता भी नीतीश को लेकर नपा-तुला बयान देते हैं जिससे मुख्यमंत्री निजी रूप से आहत महसूस ना करें। तेजस्वी लगातार कह रहे हैं कि नीतीश का कुछ लोग इस्तेमाल कर रहे हैं जो उनको महागठबंधन से हटाकर एनडीए में ले गए।
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