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बिहार : छत पर रंगीन मछली का पालन कर कमा रहे लाखों

संसाधनों का रोना रोने वाले अक्सर कुछ नहीं कर पाते हैं। लेकिन जिसमें जो’खिम उठाने का जज्बा और कुछ कर गुजरने का जुनून हो, उन्हें ही सफलता हासिल होती है। हाथीदह के राजा राजीव भी अपने हौसले से सफलता की राह पर चल पड़े हैं। 40 वर्षीय राजा छत पर बायोफ्लॉक्स विधि, सीमेंट के टैंक और एक्यूरियम में रंगीन मछली की ब्रीडिंग कर रहे हैं। इन्होंने छह महीने में 50 हजार से अधिक रंगीन मछली की ब्रीडिंग करायी और राजधानी के बाजार में उपलब्ध कराया। सात लोगों को रोजगार भी दिया।

राजा राजीव ने मात्र छह महीने में डेढ़ लाख रुपये से अधिक की आमदनी की है। वह बताते हैं कि वे ठेकेदारी करते थे, लेकिन पिछले लॉकडाउन में सारा काम बंद हो गया था। इसके कारण परेशान रहने लगे, उसी समय पता चला कि केन्द्र सरकार से रंगीन मछली पालन को प्रोत्साहित करने की योजना चला रही है। उन्होंने मत्स्य विभाग से जानकारी हासिल की।

ऑनलाइन आवेदन करने के बाद बायोफ्लॉक विधि से रंगीन मछली पालन करने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 16 लाख रुपये अनुदान मिल गया। पहले हाथीदह में फिर पटना एम्स के पास रंगीन मछली की ब्रीडिंग का काम शुरू किया।

वह बताते हैं कि राजधानी में रंगीन मछली कोलकाता से मंगायी जाती हैं। एक मछली की कीमत 50 से 100 रुपये होती है। उन्होंने ऑनलाइन रंगीन मछली की मार्केटिंग की शुरुआत की। फेसबुक, वाट्सएप के माध्यम से रंगीन मछली राजधानी के बाजारों में उपलब्ध कराने लगे।

मोबाइल फिश कियोस्क से घर-घर पहुंचाएंगे रंगीन मछली
एक स्थान से दूसरे स्थान पर बिना अनुकूलित वातावरण के मछलियों को ले जाने से मछलियां मर जाती हैं। इस समस्या को देखते हुए राजा राजीव ने मोबाइल क्योस्क गाड़ी ली है। इससे मछलियां कम मरेंगी। लोगों को घर पर ही मछली मिल जाएगी।

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