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क्या 2025 में सीएम-इन-वेटिंग तेजस्वी यादव का तेज छीन लेगा पीए फैक्टर?

पटना : बिहार की राजनीति में नौ साल से सीएम-इन-वेटिंग चल रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की 2025 के विधानसभा चुनाव में संभावनाओं पर PA फैक्टर का ग्रहण बढ़ रहा है। राज्य के दो-दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और राबड़ी देवी के बेटे तेजस्वी यादव राजनीति में पांव रखते ही 2015 में उप-मुख्यमंत्री बन गए थे। नीतीश कुमार उनके नेता और मुख्यमंत्री बने। 2022 के अगस्त में नीतीश ने दोबारा तेजस्वी को डिप्टी सीएम बनाया लेकिन इस साल जनवरी में फिर विपक्ष का नेता बनने के लिए छोड़ दिया।

2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को A फैक्टर यानी असदुद्दीन ओवैसी ने परेशान कर दिया तो 2025 के चुनाव से पहले प्रशांत किशोर यानी P फैक्टर उनके सिर पर मंडरा रहा है। हाल ये है कि तेजस्वी के लिए एक तरफ प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का कुआं है तो दूसरी तरफ असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) की खाई है। पीके और ओवैसी से अपने वोट को बचाकर तेजस्वी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेतृत्व वाले मजबूत एनडीए से भिड़ना है।

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने तेजस्वी यादव को चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव में इस महीने अपनी ताकत की नुमाइश भी करा दी है। जन सुराज को दो सीट पर भले नाम मात्र का वोट मिला हो लेकिन इमामगंज में आरजेडी कैंडिडेट रोशन मांझी की हार में जन सुराज पार्टी के जितेंद्र पासवान का 37 हजार वोट जुटा लेना एक अहम कारण है। जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी इस सीट से महज 5945 वोट के अंतर से जीती हैं। ओवैसी की पार्टी के कैंडिडेट कंचन पासवान को 7493 वोट आए। एक महीने पहले बनी पार्टी जिसके सिंबल का प्रचार-प्रसार ठीक से ना हुआ हो, उसका 37 हजार वोट जुटाना, राजद के लिए खतरे की घंटी है।

बेलागंज में भी जन सुराज पार्टी के कैंडिडेट मोहम्मद अमजद ने 17 हजार से ऊपर वोट लाया जो भले जेडीयू की मनोरमा देवी की आरजेडी के विश्वनाथ यादव से जीत के अंतर से कम हो लेकिन महत्वपूर्ण है। ओवैसी की पार्टी ने यहां भी 3533 वोट काटा। जन सुराज पार्टी के कैंडिडेट को दोनों सीट पर मिले वोट राजद को नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर इसके उलट कहते हैं कि इमामगंज में अगर जन सुराज पार्टी नहीं लड़ती तो राजद कैंडिडेट की और भयानक हार होती। पीके ने कहा नहीं लेकिन उनका चिराग पासवान की तरफ है जिस जाति का उनका कैंडिडेट था। पीके ने बेलागंज पर कहा कि मुसलमान बूथों पर जेडीयू को वोट मिला है इसलिए ये नहीं कहा जा सकता कि जन सुराज ने मुस्लिम वोट काटा है।

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