बिहार के किसी इलाके में किसी भी व्यक्ति की कभी भी सां’प के डं’सने से मृ’त्यु होती है तो राज्य सरकार मृ’तक के निकटतम परिजन को 4 लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान देगी। बिहार विधानसभा में गुरुवार को उप मुख्यमंत्री सह आप’दा प्र’बंधन मंत्री रेणु देवी ने इसकी घोषणा की। विदित हो कि अबतक केवल बाढ़ अवधि में ही सर्पदं’श पर अनुग्रह अनुदान का प्रावधान था।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के दौरान सर्पदं’श से किसी व्यक्ति की मृ’त्यु होने पर आ’पदा प्रबंधन विभाग प्राकृतिक आप’दा जनित कारण मानते हुए मृ’तक के परिजन को राज्य आपदा रिस्पांस कोष से निर्धारित सहाय्य मान दर के अनुरूप अनुग्रह अनुदान का भुगतान किया जाता है। परंतु बाढ़ अवधि के अतिरिक्त सर्पदं’श से होने वाली मृ’त्यु में अनुग्रह अनुदान की राशि का भुगतान आप’दा प्रबंधन विभाग से अनुमान्य नहीं था।कहा कि मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आए आवेदन, आप’दा प्रबंधन को मिली शि’कायतें व जनप्रतिनिधियों से प्राप्त पत्रों के आलोक में 7 मार्च को विभाग की कार्यकारिणी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि बाढ़ के दौरान सर्पदं’श से मृ”त्यु होने के अतिरिक्त सर्पदं’श से हुई मृत्यु को राज्य की स्थानीय प्रकृति की आप’दा में शामिल करते हुए मृ’त व्यक्ति के निकटतम परिजन को अनुग्रह अनुदान का भुगतान आपदा प्रबंधन द्वारा किया जायेगा।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय 24 मार्च 2022 से ही प्रभावी हो गया है। गुरुवार को विधानसभा में उपमुख्यमंत्री सह आप’दा प्रबंधन मंत्री रेणु देवी ने स्वीकारा कि राज्यभर में कोरो’ना संक्र’मण से 1500 मृ’त व्यक्तियों का अनुग्रह अनुदान बकाया है। घोषणा कि इन मृ’तकों के निकटतम परिजनों को 20 अप्रैल तक अनुग्रह अनुदान दे दिया जाएगा। डिप्टी सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12,936 व्यक्तियों की कोरोना वायरस से मृ’त्यु की सूचना दी गयी थी। इनमें 11,309 मृ’त व्यक्तियों के निकटतम परिजन को अनुग्रह अनुदान का भुगतान किया जा चुका है। शेष मृ’तकों के निकटतम परिजनों को भुगतान की कार्रवाई जिला स्तर पर की जा रही है। वर्तमान में 2,156 नये मामलों पर राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा अनुशंसा कर भुगतान हेतु स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। 2116 की राशि जिलों को चली गयी है, शेष दावों की समीक्षा की जा रही है।
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